4 November 2025 Ka Panchang: शुभ मुहूर्त, राहुकाल का समय, आज की तिथि और ग्रह
4 November 2025 Ka Panchang: आज 4 नवंबर 2025 से कार्तिक मास का 29वां दिन है। मंगलवार का दिन है। इस दिन सूर्य देव तुला राशि में रहेंगे। वहीं चंद्रमा 12:34 पी एम तक मीन राशि में रहेंगे। इसके बाद मेष राशि में गोचर करेंगे। आपको बता दें, आज के दिन अभिजीत मुहूर्त 11:43 ए एम से 12:26 पी एम बजे तक है। इस दिन राहुकाल 02:49 पी एम से 04:11 पी एम तक रहेगा। आज वैकुण्ठ चतुर्दशी, मणिकर्णिका स्नान और कार्तिक चौमासी चौदस है। साथ ही वार के हिसाब से आप मंगलवार का व्रत रख सकते हैं, जो कि हनुमान जी को समर्पित होता है। आइए भक्त वत्सल के इस लेख में हम विस्तार से आपको आज के पंचांग के बारे में बताएंगे कि आज आपके लिए शुभ मुहूर्त क्या है। किस समय कार्य करने से शुभ परिणाम की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही आज किन उपायों को करने से लाभ हो सकता है।
4 नवंबर 2025 को क्या है? (4 November 2025 Ko Kya Hai?)
पंचांग के अनुसार, 4 नवंबर 2025 को कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि है, जो कि 10:36 पी एम तक जारी रहेगी। इसके बाद पूर्णिमा तिथि लग जाएगी।
4 नवंबर 2025 का पंचांग (4 November 2025 Ka Panchang)
- तिथि - 10:36 पी एम तक तक कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि। इसके बाद पूर्णिमा तिथि लग जाएगी।
- नक्षत्र - रेवती (12:34 पी एम तक) अश्विनी
- दिन/वार - मंगलवार
- योग - वज्र (03:43 पी एम तक) सिद्धि
- करण - गर (12:23 पी एम तक) वणिज (10:36 पी एम तक) विष्टि
कार्तिक शुक्ल पक्ष चतुर्दशी तिथि प्रारंभ - 02:05 ए एम, नवम्बर 04
कार्तिक शुक्ल पक्ष चतुर्दशी तिथि समाप्त - 10:36 पी एम तक, नवम्बर 04
सूर्य-चंद्र गोचर (Surya-Chandra Gochar)
- सूर्य - सूर्य देव तुला राशि में रहेंगे।
- चंद्र - चंद्रमा 12:34 पी एम तक मीन राशि में रहेंगे। इसके बाद मेष राशि में गोचर करेंगे।
सूर्य और चंद्रमा का मुहूर्त (Surya aur Chandrama Ka Muhurat)
- सूर्योदय - 06:35 ए एम
- सूर्यास्त - 05:34 पी एम
- चन्द्रोदय - 04:30 पी एम
- चन्द्रास्त - 06:08 ए एम, नवम्बर 05
4 नवंबर 2025 का शुभ मुहूर्त और योग (4 November 2025 Ka Shubh Muhurat aur Yog)
- ब्रह्म मुहूर्त - 04:51 ए एम से 05:43 ए एम
- अभिजीत मुहूर्त - 11:43 ए एम से 12:26 पी एम
- विजय मुहूर्त - 01:54 पी एम से 02:38 पी एम
- गोधूलि मुहूर्त - 05:34 पी एम से 06:00 पी एम
- संध्या मुहूर्त - 05:34 पी एम से 06:52 पी एम
- अमृत काल - 10:25 ए एम से 11:51 ए एम और 03:20 ए एम, नवम्बर 05 से 04:45 ए एम, नवम्बर 05
- रवि योग - 06:35 ए एम से 12:34 पी एम
- सर्वार्थ सिद्धि योग - 12:34 पी एम से 06:36 ए एम, नवम्बर 05
- अमृत सिद्धि योग - 12:34 पी एम से 06:36 ए एम, नवम्बर 05
4 नवंबर 2025 का अशुभ मुहूर्त (4 Novembe 2025 ka Ashubh Muhurat)
- राहु काल - 02:49 पी एम से 04:11 पी एम
- गुलिक काल - 12:04 पी एम से 01:27 पी एम
- यमगंड - 09:20 ए एम से 10:42 ए एम
- वर्ज्य - 06:09 ए एम, नवम्बर 05 से 07:33 ए एम, नवम्बर 05
- आडल योग - 06:35 ए एम से 12:34 पी एम
- गण्ड मूल - पूरे दिन
- पंचक - 06:35 ए एम से 12:34 पी एम
- भद्रा - 10:36 पी एम से 06:36 ए एम, नवम्बर 05
- दिशाशूल - उत्तर, इस दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए।
4 नवंबर 2025 पर्व/त्योहार/व्रत (4 November 2025 Parv / Tyohar / Vrat)
- मंगलवार का व्रत - आज आप मंगलवार का व्रत रख सकते हैं, जो हनुमान जी को समर्पित है।
- वैकुंठ चतुर्दशी - वैकुंठ चतुर्दशी एक पावन दिन है जो कार्तिक पूर्णिमा से एक दिन पूर्व मनाया जाता है, जिसमें भगवान विष्णु और भगवान शिव दोनों की पूजा की जाती है। इस दिन भगवान विष्णु ने वाराणसी में भगवान शिव की पूजा की थी और अपना एक नेत्र निकालकर उन्हें अर्पित किया था, जिससे प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें सुदर्शन चक्र दिया था। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा निशीथकाल में की जाती है, जबकि भगवान शिव की पूजा अरुणोदयकाल में की जाती है। वाराणसी के मणिकर्णिका घाट पर स्नान करना और काशी विश्वनाथ मंदिर में भगवान विष्णु की पूजा करना विशेष महत्व रखता है।
4 नवंबर 2025 आज के उपाय (4 November 2025 Ke Upay)
- मंगलवार के उपाय - मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा करने से मंगल ग्रह के नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं। हनुमान जी को सिंदूर, चमेली का तेल और लाल फूल चढ़ाएं। इसके अलावा, मंगल ग्रह के मंत्र "ॐ अं अंगारकाय नमः" का जाप करने से भी शुभ परिणाम प्राप्त होते हैं। गुड़, तांबे के बर्तन, लाल वस्त्र आदि दान करने और मूंगे की अंगूठी पहनने से भी मंगल ग्रह के नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं। भोजन में मसूर की दाल शामिल करने से भी लाभ मिलता है। इन उपायों को करने से मंगल ग्रह के नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सकता है और शुभ परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं।
- वैकुंठ चतुर्दशी के दिन करें ये उपाय - वैकुंठ चतुर्दशी के दिन सुबह स्नान करके मंदिर की साफ-सफाई करें और भगवान विष्णु और शिव जी की पूजा करें। शिव जी का पंचामृत और गंगाजल से अभिषेक करें और उन्हें सफेद चंदन, धतूरा, बिल्व पत्र, भांग और सफेद पुष्प अर्पित करें। विष्णु जी को पीला चंदन और पीले पुष्प अर्पित करें और घी का दीपक जलाएं। पूजा के दौरान ॐ नमः शिवाय और ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करें। अंत में दोनों देवताओं की आरती करें और क्षमा प्रार्थना करें।
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