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12 November 2025 Panchang (12 नवंबर 2025 का पंचांग)

12 November 2025 Panchang (12 नवंबर 2025 का पंचांग)

12 November 2025 Ka Panchang: आज 12 नवंबर 2025 को क्या है? शुभ मुहूर्त, राहुकाल का समय, आज की तिथि और ग्रह

12 November 2025 Ka Panchang: आज 12 नवंबर 2025 से मार्गशीर्ष मास का 8वां दिन है। साथ ही आज पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि है, जो कि 10:58 पी एम तक जारी रहेगी। इसके बाद नवमी तिथि लग जाएगी। बता दें कि आज बुधवार का दिन है। इस दिन सूर्य देव तुला राशि में रहेंगे। वहीं चंद्रमा 06:35 पी एम तक कर्क राशि में रहेंगे। इसके बाद सिंह राशि में गोचर करेंगे। आपको बता दें, आज के दिन अभिजीत मुहूर्त नहीं है। इस दिन राहुकाल 12:05 पी एम से 01:26 पी एम तक रहेगा। आज कालभैरव जयंती और कालाष्टमी है। साथ ही वार के हिसाब से आप बुधवार का व्रत रख सकते हैं, जो भगवान गणेश को समर्पित होता है। आइए भक्त वत्सल के इस लेख में हम विस्तार से आपको आज के पंचांग के बारे में बताएंगे कि आज आपके लिए शुभ मुहूर्त क्या है। किस समय कार्य करने से शुभ परिणाम की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही आज किन उपायों को करने से लाभ हो सकता है। 

12 नवंबर 2025 का पंचांग (12 November 2025 Ka Panchang)

  • तिथि- 10:58 पी एम तक मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि। इसके बाद नवमी तिथि लग जाएगी। 
  • नक्षत्र- अश्लेशा (06:35 पी एम तक) मघा
  • दिन/वार- बुधवार
  • योग- शुक्ल (08:02 ए एम तक) ब्रह्म
  • करण- बालव (10:57 ए एम तक) बव (10:58 पी एम तक) तैतिल
  • मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि प्रारंभ - 11:08 पी एम, नवम्बर 11
  • मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि समाप्त - 10:58 पी एम, नवम्बर 12

सूर्य-चंद्र गोचर (Surya-Chandra Gochar)

  • सूर्य - सूर्य देव तुला राशि में रहेंगे।
  • चंद्र - चंद्रमा 06:35 पी एम तक कर्क राशि में रहेंगे। इसके बाद सिंह राशि में गोचर करेंगे।

सूर्य और चंद्रमा का मुहूर्त (Surya aur Chandrama Ka Muhurat)

  • सूर्योदय- 06:41 ए एम
  • सूर्यास्त- 05:29 पी एम
  • चन्द्रोदय- 12:22 ए एम, नवम्बर 13
  • चन्द्रास्त- 01:09 पी एम

12 नवंबर 2025 का शुभ मुहूर्त और योग (12 November 2025 Ka Shubh Muhurat aur Yog)

  • ब्रह्म मुहूर्त - 04:56 ए एम से 05:49 ए एम
  • अभिजीत मुहूर्त - कोई नहीं
  • विजय मुहूर्त - 01:53 पी एम से 02:36 पी एम
  • गोधूलि मुहूर्त - 05:29 पी एम से 05:55 पी एम
  • संध्या मुहूर्त - 05:29 पी एम से 06:48 पी एम
  • अमृत काल - 04:58 पी एम से 06:35 पी एम

12 नवंबर 2025 का अशुभ मुहूर्त (12 November 2025 ka Ashubh Muhurat)

राहु काल - 12:05 पी एम से 01:26 पी एम

गुलिक काल - 10:44 ए एम से 12:05 पी एम

यमगंड - 08:02 ए एम से 09:23 ए एम

आडल योग - 06:35 पी एम से 06:42 ए एम, नवम्बर 13

गण्ड मूल - पूरे दिन

वर्ज्य - 07:15 ए एम से 08:52 ए एम

दिशाशूल - उत्तर, इस दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए।

12 नवंबर 2025 पर्व/त्योहार/व्रत (12 November 2025 Parv / Tyohar / Vrat)

  • बुधवार का व्रत - आज आप बुधवार का व्रत रख सकते हैं, जो भगवान गणेश को समर्पित है।
  • कालभैरव जयंती - सनातन धर्म में काल भैरव जयंती का बड़ा धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है, जो मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। इस शुभ दिन पर भगवान शिव के उग्र स्वरूप काल भैरव जी की पूजा की जाती है, जिससे जीवन की सभी बाधाओं का अंत होता है और घर में खुशहाली आती है। इस तिथि पर पूजा-पाठ और व्रत करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है।
  • कालाष्टमी - कालाष्टमी, हर माह कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है और यह भगवान कालभैरव की पूजा का प्रमुख दिन होता है। भक्त इस दिन उपवास रखते हैं और भैरव स्वरूप की आराधना करते हैं। साल की सबसे महत्वपूर्ण कालाष्टमी को कालभैरव जयंती कहा जाता है, जो उत्तर भारत के पूर्णिमांत पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष माह और दक्षिण भारत के अमांत पंचांग के अनुसार कार्तिक माह में आती है, हालांकि तिथि एक ही होती है। यह वही दिन माना जाता है जब भगवान शिव ने कालभैरव रूप में अवतार लिया था। इसे भैरव अष्टमी के नाम से भी जाना जाता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, व्रत उसी दिन किया जाता है जब अष्टमी तिथि रात्रि में प्रबल हो, भले ही वह सप्तमी से शुरू हो रही हो।

12 नवंबर 2025 आज के उपाय (12 November 2025 Ke Upay) 

  • बुधवार के उपाय - बुधवार के दिन गणेश मंदिर जाकर गणेशजी को गुड़ का भोग लगाने और 21 दूर्वा चढ़ाने से भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है, जिससे घर में धन और अन्न की कमी नहीं होती। इस दिन गाय को हरी घास खिलाने से आर्थिक उन्नति और समस्याओं से मुक्ति मिलती है। बुध दोष से मुक्ति के लिए 'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे' मंत्र का 108 बार जाप और श्री गणेश को सिंदूर अर्पित करना भी लाभकारी है। इसके अलावा, पन्ना धारण करना, 'ॐ गं गणपतये नम:' या 'श्री गणेशाय नम:' मंत्र का जाप करना और जरूरतमंद को हरी मूंग या हरा कपड़ा दान करना भी बुध ग्रह की कमजोरी को दूर करने में मदद करता है।
  • काल भैरव जयंती के दिन करें ये उपाय - काल भैरव जयंती पर कुछ विशेष उपायों से भगवान काल भैरव की कृपा प्राप्त की जा सकती है। इनमें "ॐ कालभैरवाय नमः" मंत्र का 108 बार जप करना, सरसों के तेल का दीपक जलाना, कुत्तों को भोजन कराना, भैरव अष्टक और काल भैरव स्तोत्र का पाठ करना, मदिरा का अर्पण करना, नारियल और नींबू चढ़ाना, और काले तिल, उड़द या काले वस्त्र का दान करना शामिल है। इन उपायों से नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है, आत्मबल बढ़ता है, शत्रुओं से रक्षा होती है, और जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है।

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