प्रातः स्मरामि खलु तत्सवितुर्वरेण्यं रूपं हि मंडलमृचोऽथ तनुर्यजूंषि।
सामानि यस्य किरणाः प्रभवादिहेतुं ब्रह्माहरात्मकमलक्ष्यमचिन्त्यरूपम् ॥
प्रातर्नमामि तरणिं तनुवाङ्गनोभि- ब्रह्मेन्द्रपूर्वकसुरैर्नुतमर्चितं च ।
वृष्टिप्रमोचनविनिग्रहहेतुभूतं त्रैलोक्यपालनपरं त्रिगुणात्मकं च ॥
प्रातर्भजामि सवितारमन्तशक्तिं तं सर्वलोककलनात्मककालमूर्ति गोकण्ठबंधनविमचोनमादिदेवम्॥
श्लोकत्रयमिदं भानोः प्रातः प्रातः पठेत् तु यः।
मैं सूर्य भगवान के उस श्रेष्ठ रूप का प्रातः समय स्मरण करता हूं। जिसका मंडल ऋग्वेद है तनु यजुर्वेद है और किरणें सामवेद हैं तथा जो ब्रह्मा का दिन है। जगत की उत्पत्ति, रक्षा और नाश का कारण है तथा अलक्ष्य और अचिंत्यस्वरूप है।
मैं प्रातः समय शरीर, वाणी और मन के द्वारा ब्रह्मा, इन्द्र आदि देवताओं से स्तुत और पूजित, वृष्टि के कारण एवं अवृष्टि के हेतु तीनों लोकों के पालन में तत्पर और सत्व आदि त्रिगुण रूप धारण करने वाले तरणि (सूर्य भगवान) को नमस्कार करता हूं।
जो पापों के समूह तथा शत्रुजनित भय एवं रोगों का नाश करनेवाले हैं, सबसे उत्कृष्ट हैं, संपूर्ण लोकों के समय की गणना के निमित्त भूतकाल स्वरूप हैं और गौओं के कण्ठबंधन छुड़ाने वाले हैं, उन अनंत शक्ति आदिदेव सविता नारायण (सूर्य भगवान) का मैं प्रातः काल भजन-कीर्तन करता हूं।'
जो मनुष्य प्रतिदिन प्रातःकाल सूर्य के स्मरणरूप इन तीनों श्लोकों का पाठ करता है, वह सब रोगों से मुक्त होकर परम सुख प्राप्त कर सकता है।
पंचांग के अनुसार फाल्गुना माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि है। वहीं आज शनिवार का दिन है। इस तिथि पर आद्रा नक्षत्र और आयुष्मान योग का संयोग बन रहा है। वहीं चंद्रमा मिथुन राशि में हैं और सूर्य कुंभ राशि में मौजूद हैं।
पंचांग के अनुसार फाल्गुना माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि है। वहीं आज दशमी का दिन है। इस तिथि पर पुनर्वसु नक्षत्र और सौभाग्य योग का संयोग बन रहा है।
गोवर्धन पूजा को अन्नकूट पूजा के नाम से भी जाना जाता है। यह एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, जो दीवाली के बाद मनाया जाता है। इस दिन को भगवान कृष्ण द्वारा इंद्र देवता को पराजित करने की स्मृति में मनाया जाता है।
हिंदू धर्म में शुभ कार्यों के लिए सही समय और शुभ मुहूर्त का विशेष महत्व होता है। विवाह, गृह प्रवेश, नामकरण, मुंडन जैसे मांगलिक कार्य तभी किए जाते हैं जब ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति अनुकूल हो। साथ ही, कुछ विशेष समय ऐसे भी होते हैं जब ये कार्य नहीं किए जाते।