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4 July 2025 Panchang (04 जुलाई 2025 का पंचांग)

4 July 2025 Panchang (04 जुलाई 2025 का पंचांग)

Aaj Ka Panchang: आज 04 जुलाई 2025 का शुभ मुहूर्त, राहुकाल का समय, आज की तिथि और ग्रह

Aaj Ka Panchang 04 July 2025: आज 04 जुलाई 2025 को आषाढ़ माह का 24वां दिन है। साथ ही आज पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह शुक्ल पक्ष तिथि नवमी है। आज शुक्रवार का दिन है। सूर्य मिथुन राशि में रहेंगे। वहीं चंद्रमा तुला राशि में रहेंगे। आपको बता दें, आज शुक्रवार के दिन अभिजीत मुहूर्त 11:58 ए एम से 12:53 पी एम तक रहेगा। इस दिन राहुकाल 10:41 ए एम से 12:26 पी एम तक रहेगा। आज वार के हिसाब से आप शुक्रवार का व्रत रख सकते हैं, जो माता लक्ष्मी को समर्पित होता है। आज पूरे दिन रवि योग रहेगा। आइए भक्त वत्सल के इस लेख में हम विस्तार से आपको आज के पंचांग के बारे में बताएंगे कि आज आपके लिए शुभ मुहूर्त क्या है। किस समय कार्य करने से शुभ परिणाम की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही आज किन उपायों को करने से लाभ हो सकता है। 

आज का पंचांग 04 जुलाई 2025

  • तिथि - आषाढ़ शुक्ल पक्ष नवमी तिथि
  • नक्षत्र - चित्रा और स्वाति 
  • दिन/वार - शुक्रवार
  • योग - शिव और सिद्ध 
  • करण - कौलव और तैतिल 

आषाढ़ शुक्ल पक्ष नवमी तिथि प्रारंभ - 02:06 पी एम से

आषाढ़ शुक्ल पक्ष नवमी तिथि समाप्त - 04:31 पी एम तक 

सूर्य-चंद्र गोचर

  • सूर्य - सूर्य देव मिथुन राशि में रहेंगे।  
  • चंद्र - चंद्रमा तुला राशि में रहेंगे। 

सूर्य और चंद्रमा का मुहूर्त

  • सूर्योदय - 05:28 ए एम
  • सूर्यास्त - 07:23 पी एम 
  • चन्द्रोदय - 01:47 पी एम
  • चन्द्रास्त - 12:57 ए एम, जुलाई 05

आज का शुभ मुहूर्त और योग 04 जुलाई 2025

  • रवि योग - पूरे दिन 
  • ब्रह्म मुहूर्त - 04:07 ए एम से 04:48 ए एम।
  • अभिजीत मुहूर्त - 11:58 ए एम से 12:53 पी एम। 
  • अमृत काल - 09:38 ए एम से 11:26 ए एम
  • विजय मुहूर्त - 02:45 पी एम से 03:40 पी एम
  • गोधूलि मुहूर्त - 07:22 पी एम से 07:42 पी एम
  • संध्या मुहूर्त - 07:23 पी एम से 08:24 पी एम

आज का अशुभ मुहूर्त 04 जुलाई 2025

  • राहु काल - 10:41 ए एम से 12:26 पी एम
  • गुलिक काल - 07:12 ए एम से 08:57 ए एम
  • आडल योग - 05:28 ए एम से 04:50 पी एम
  • यमगण्ड - 03:54 पी एम से 05:39 पी एम
  • दिशाशूल - पश्चिम, इस दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए।
  • वर्ज्य - 11:08 पी एम से 12:56 ए एम, जुलाई 05
  • गण्ड मूल - नहीं है 
  • विडाल योग - 04:50 पी एम से 05:28 ए एम, जुलाई 05

04 जुलाई 2025 पर्व/त्योहार/व्रत

  • शुक्रवार का व्रत - आज आप शुक्रवार का व्रत रख सकते हैं, जो माता लक्ष्मी को समर्पित है। 
  • शुक्रवार के उपाय - शुक्रवार का दिन देवी लक्ष्मी और शुक्र ग्रह को समर्पित है। इस दिन कुछ उपाय करके आप अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत कर सकते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि ला सकते हैं। शुक्रवार के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और सफेद या हल्के रंग के वस्त्र पहनें। इसके बाद देवी लक्ष्मी की पूजा करें और उन्हें कमल के फूल, सफेद चंदन, और मिठाई अर्पित करें। शुक्रवार के दिन गरीबों को सफेद वस्त्र और दूध दान करना भी लाभदायक होता है। इसके अलावा, शुक्र ग्रह की शांति के लिए शुक्रवार के दिन व्रत रखें और शुक्र ग्रह के मंत्र "ॐ शुक्राय नमः" का जाप करें। इन उपायों को करने से आपको जीवन में सुख-समृद्धि और आर्थिक लाभ प्राप्त हो सकता है।

रवियोग का महत्व और उपाय

रवियोग एक शुभ और प्रभावशाली ज्योतिषीय संयोग है, जो सूर्य और चंद्रमा की विशेष स्थिति में बनता है। यह योग किसी भी नए कार्य की शुरुआत, निवेश, यात्रा, शिक्षा या व्यवसाय के लिए अत्यंत लाभकारी माना जाता है। रवियोग में किया गया कार्य विघ्नों से मुक्त होकर सफल होता है और उसका दीर्घकालिक सकारात्मक प्रभाव रहता है। इस दिन प्रातः सूर्य को तांबे के लोटे में जल, लाल पुष्प और अक्षत डालकर अर्घ्य अर्पित करें और "ॐ सूर्याय नमः" मंत्र का जाप करें। लाल वस्त्र, गेहूं या गुड़ का दान करना और गरीबों को भोजन कराना विशेष फलदायी होता है। इससे रोग, दरिद्रता और असफलता जैसे दोष दूर होते हैं और जीवन में तेज, समृद्धि और आत्मविश्वास बढ़ता है।

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मौनी अमावस्या पर स्नान के शुभ मुहूर्त

माघ मास की अमावस्या, जिसे मौनी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म में एक अत्यंत महत्वपूर्ण दिन है। इस दिन को लेकर कई तरह की धार्मिक मान्यताएं और परंपराएं जुड़ी हुई हैं। माना जाता है कि इस दिन पितृ देवता धरती पर आते हैं और अपने वंशजों के द्वारा किए गए पिंडदान से प्रसन्न होते हैं।

मौनी अमावस्या पर करें पितृ चालीसा पाठ

माघ माह की अमावस्या का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। इस दिन लोग पूजा-अर्चना और पितरों की पूजा में भाग लेते हैं। मौनी अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से पुण्य प्राप्ति होती है और पितरों का आशीर्वाद मिलता है।

गुप्त नवरात्रि कथा

2025 में उदयातिथि के अनुसार, 30 जनवरी 2025 को माघ गुप्त नवरात्रि की शुरुआत होगी और 7 फरवरी 2025 को गुप्त नवरात्रि का समापन होगा। ऐसे में माघ गुप्त नवरात्र की शुरुआत 30 जनवरी से होगी।

माघ गुप्त नवरात्रि के उपाय

साल में दो बार गुप्त नवरात्र मनाया जाता है। गुप्त नवरात्र मां दुर्गा को समर्पित पर्व है। इस दौरान लोग 10 महाविद्याओं की उपासना करते हैं। साथ ही जीवन में सुख-समृद्धि में वृद्धि के लिए व्रत भी किया जाता है।

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