Aaj Ka Panchang: आज 2 जुलाई 2025 का शुभ मुहूर्त, राहुकाल का समय, आज की तिथि और ग्रह
Aaj Ka Panchang 2 July 2025: आज 2 जुलाई 2025 को आषाढ़ माह का 22वां दिन है। साथ ही आज पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष तिथि सप्तमी है। आज बुधवार का दिन है। सूर्य देव मिथुन राशि में रहेंगे। वहीं चंद्रमा कन्या राशि में रहेंगे। आपको बता दें, आज बुधवार के दिन कोई अभिजीत मुहूर्त नहीं है। इस दिन राहुकाल 12:25 पी एम से 02:10 पी एम तक रहेगा। आज वार के हिसाब से आप बुधवार का व्रत रख सकते हैं, जो गणेश जी को समर्पित होता है। आइए भक्त वत्सल के इस लेख में हम विस्तार से आपको आज के पंचांग के बारे में बताएंगे कि आज आपके लिए शुभ मुहूर्त क्या है। किस समय कार्य करने से शुभ परिणाम की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही आज किन उपायों को करने से लाभ हो सकता है।
आज का पंचांग 2 जुलाई 2025
- तिथि - सप्तमी
- नक्षत्र - उत्तराफाल्गुनी और हस्त
- दिन/वार- बुधवार
- योग - वरीयान् और परिघ
- करण - वाणिज, विष्टि और बव
आषाढ़ कृष्ण पक्ष सप्तमी तिथि प्रारंभ - 10:20 ए एम से, (1 जुलाई)
आषाढ़ कृष्ण पक्ष सप्तमी तिथि समाप्त - 11:58 ए एम तक
सूर्य-चंद्र गोचर
- सूर्य - मिथुन
- चंद्र - कन्या
सूर्य और चंद्रमा का मुहूर्त
- सूर्योदय - 05:27 ए एम
- सूर्यास्त - 07:23 पी एम
- चन्द्रोदय - 12:01 पी एम
- चन्द्रास्त - 12:01 ए एम, जुलाई 03
आज का शुभ मुहूर्त और योग 2 जुलाई 2025
- सर्वार्थसिद्धि योग - 11:07 ए एम से 05:28 ए एम, जुलाई 03
- ब्रह्म मुहूर्त - 04:07 ए एम से 04:47 ए एम
- अभिजीत मुहूर्त - कोई नहीं।
- विजय मुहूर्त - 02:44 पी एम से 03:40 पी एम
- गोधूलि मुहूर्त - 07:22 पी एम से 07:42 पी एम
- संध्या मुहूर्त - 07:23 पी एम से 08:24 पी एम
आज का अशुभ मुहूर्त 2 जुलाई 2025
- राहु काल - 12:25 पी एम से 02:10 पी एम
- गुलिक काल - 10:41 ए एम से 12:25 पी एम
- यमगंड - 07:12 ए एम से 08:56 ए एम
- दिशाशूल - उत्तर, इस दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए।
- वर्ज्य - 08:28 पी एम से 10:15 पी एम
- आडल योग - 05:27 ए एम से 11:07 ए एम
- विडाल योग - नहीं है
- भद्रा - 11:58 ए एम से 12:59 ए एम, जुलाई 03
2 जुलाई 2025 पर्व/त्योहार/व्रत
- बुधवार का व्रत - आज आप बुधवार का व्रत रख सकते हैं, जो भगवान गणेश को समर्पित है।
- बुधवार के उपाय - बुधवार के दिन भगवान गणेश और भगवान बुध को प्रसन्न करने के लिए कई उपाय किए जा सकते हैं। सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और फिर गणेश मंदिर में जाकर भगवान गणेश की पूजा करें। उन्हें हरी मूंग और दूर्वा चढ़ाएं। इसके अलावा, आप गणेश मंत्र का जाप भी कर सकते हैं। बुधवार के दिन गणेश एवं बुध की पूजा करने से बुद्धि और विद्या में वृद्धि होती है। साथ ही जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
हिंदू धर्म में एकादशी का व्रत महत्वपूर्ण स्थान रखता है। प्रत्येक वर्ष 24 एकादशी होती है। जब अधिकमास या मलमास आता है तब इनकी संख्या बढ़कर 26 हो जाती है।
शास्त्रों के अनुसार देव उठनी एकादशी भगवान् श्री विष्णु जी की पूजा अर्चना के लिए श्रेष्ट दिन है। हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की तिथि को देव उठनी एकादशी मनाई जाती है।
पौराणिक मान्यता है कि देव उठनी एकादशी पर भगवान विष्णु अपनी योग निद्रा से जाग कर एक बार पुनः संसार के संचालन की कमान अपने हाथों में ले लेते हैं।
सनातन धर्म में सभी तिथि किसी ना किसी देवी-देवता को ही समर्पित है। इसी प्रकार से हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि जगत के पालनहार भगवान विष्णु को समर्पित होती है।