Logo

पंचमुखी हनुमान मंदिर, इंदिरापुरम, गाजियाबाद(Panchmukhi Hanuman Temple, Indirapuram, Ghaziabad)

पंचमुखी हनुमान मंदिर, इंदिरापुरम, गाजियाबाद(Panchmukhi Hanuman Temple, Indirapuram, Ghaziabad)

इस मंदिर में मिलेंगे पांच मुख वाले हनुमान जी के दर्शन, यहां पूर्ण होती है सभी मनोकामनाएं 


दिल्ली- NCR के आस-पास मंदिरों में गाजियाबाद के इंदिरापुरम में स्थित पंचमुखी हनुमान मंदिर का अपना एक विशेष स्थान है। अपने अद्वितीय धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के कारण यह मंदिर दिल्ली और आस-पास के श्रद्धालुओं ही नहीं देश दुनिया के हनुमान भक्तों के बीच प्रसिद्ध है। मंदिर में विराजमान भगवान हनुमान की पांच मुखों वाली मूर्ति बहुत चमत्कारी है जो भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करने के लिए विख्यात है। इंदिरापुरम के कनावनी गांव का यह पुराना सिद्ध हनुमान मंदिर राजनगर एक्सटेंशन एलिवेटेड रोड, वसुंधरा-इंदिरापुरम, मोहन नगर लिंक रोड तथा सुचेता कृपलानी मार्ग के संगम पर स्थापित है जो भक्तों की आस्था का केंद्र है।


मंदिर का इतिहास


 


वर्ष भर होते है विभिन्न आयोजन 


यह इंदिरापुरम का प्रमुख धार्मिक स्थल बन चुका है। पंचमुखी हनुमान मंदिर में विशेष पूजा और अनुष्ठानों का आयोजन साल भर होता है। हनुमान चालीसा का पाठ, भोग, और सुंदरकांड का पाठ और मंगलवार, शनिवार को विशेष पूजा-अर्चना के दौरान भक्तों की भीड़ यहां सदैव बनी रहती है। आरती और प्रसाद वितरण का मनमोहक दृश्य इस मंदिर की प्रसिद्धि का स्वयं गवाह है। रामनवमी,हनुमान जयंती के मौके पर मंदिर में विशेष उत्सव का माहौल रहता है।


इस दिन मंदिर में विशेष रूप से फूलों से और विद्युत सज्जा की जाती है। भव्य शोभायात्रा भी निकाली जाती है जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालु मंदिर आकर महावीर श्री हनुमान जी का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं और प्रसाद ग्रहण करते हैं।


आज यह मंदिर  धार्मिक गतिविधियों का केंद्र होने के साथ-साथ समाज सेवा में भी अपना योगदान दे रहा है। मंदिर प्रबंधन साल में कई बार गरीबों और जरूरतमंदों के लिए भोजन वितरण कार्यक्रम आयोजित करता है। इसके अलावा, यहां शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के लिए भी विशेष योजनाएं चलाई जा रही हैं।


........................................................................................................
गणेश जयंती पूजा विधि

सनातन हिंदू धर्म के पौराणिक ग्रंथों के अनुसार, भगवान गणेश जी का जन्म माघ महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को हुआ था। इसे श्रीगणेश के अवतरण-दिवस के रूप में मनाया जाता है।

कब है गणेश जयंती

प्रत्येक वर्ष माघ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश जयंती मनाई जाती है। इसे विनायक चतुर्थी अथवा वरद चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है।

इस मंदिर में होती है गुप्त नवरात्रि पर तंत्र-साधना

सनातन हिंदू धर्म में नवरात्रि के पर्व को नारी शक्ति और देवी दुर्गा का प्रतीक माना जाता है। यह त्योहार देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा को समर्पित है।

विनायक चतुर्थी कब है

विनायक चतुर्थी भगवान गणेश जी को समर्पित है। यह प्रत्येक महीने शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करने से भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। साथ ही सभी दुखों का नाश होता है।

यह भी जाने

संबंधित लेख

HomeAartiAartiTempleTempleKundliKundliPanchangPanchang