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श्री विनायक मंदिर नोएडा(Shri Vinayaka Temple Noida)

श्री विनायक मंदिर नोएडा(Shri Vinayaka Temple Noida)

चोल वास्तुकला से बनाया गया है नोएडा का श्री विनायक मंदिर, काले पत्थर से तैयार हुआ है 


जेएसएस एकेडमी ऑफ टेक्निकल एजुकेशन परिसर नोएडा के हरे-भरे वातावरण में एक सुंदर सा देवालय है श्री विनायक मंदिर नोएडा। इसे दिल्ली और एनसीआर के सबसे स्वच्छ मंदिरों में से एक कहना ग़लत नहीं होगा। यह मंदिर नोएडा सेक्टर-62 के औद्योगिक क्षेत्र के मुख्य डी-सर्किल पर स्थित है। नोएडा के सेक्टर-62 में का यह गणेश मंदिर भगवान गणेश और उनके भाई कार्तिकेय को समर्पित है। इस मंदिर में भगवान गणेश के लगभग हर स्वरूप की मूर्तियाँ मौजूद हैं। यहाँ श्री विनायक और श्री कार्तिकेय की विशेष पूजा होती है। गणेश उत्सव के दौरान हर दिन यहां बड़ी संख्या में भक्त दर्शन को आते हैं और आरती में हिस्सा लेते हैं। 

काले पत्थर में तराशा गया श्री विनायक मंदिर दक्षिण भारत की चोल वास्तुकला से बनाया गया एक सुंदर मंदिर है। मंदिर में दो प्रवेश द्वार हैं, इनमें से एक स्थानीय भक्तों के लिए और दूसरा परिसर के अंदर छात्रों और कर्मचारियों के आवागमन के लिए है। बेहद खूबसूरत और साफ-सुथरा होने के अलावा यह मंदिर अपनी खूबसूरत वास्तुकला के लिए भी प्रसिद्ध हैं। यहां की अंदर और बाहर की दीवारें बेहद सुंदर हैं। गणेश उत्सव के दौरान इस मंदिर की सजावट और भी खूबसूरती और बढ़ जाती है।


मंदिर की विशेषता 


इस मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता है यहां का सुरम्य वातावरण और एक अद्भुत सी शांति जो बहुत कम जगह पर महसूस होती है। हालांकि हर मंदिर और देवालय शांति और स्थिरता का प्रतीक होता है लेकिन यहां एक अजीब सी शांति का वातावरण है जो भक्तों के बीच इसे और भी अधिक खास बनाता है। 


कैसे पहुंचें 


इस मंदिर तक पहुंचने के लिए नोएडा के इलेक्ट्रॉनिक सिटी मेट्रो स्टेशन के पास सेक्टर-62 और सेक्टर-59 मेट्रो स्टेशन से आवागमन के सभी साधन मौजूद हैं।


समय


सुबह 6:00 बजे - रात 11:30 बजे, 

शाम 4:30 बजे - रात 8:30 बजे


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महाकुंभ अक्षयवट पूजा

13 जनवरी 2025 से महाकुंभ की शुरुआत हो रही है। महाकुंभ न केवल भारत में प्रसिद्ध है बल्कि विदेशों में भी इसका आकर्षण देखने को मिलता है। इस बार महाकुंभ का आयोजन प्रयागराज में हो रहा है।

महाकुंभ स्नान के नियम क्या है

महाकुंभ में शाही स्नान के दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व होता है। महाकुंभ में स्नान करने से मृत्यु पश्चात मोक्ष की प्राप्ति होती है। शाही स्नान में सबसे पहले साधु-संत स्नान करते हैं उसके बाद ही आम तीर्थयात्री गंगा में डुबकी लगाते हैं।

महाकुंभ 2025 के शुभ संयोग

प्रयागराज में बहुत जल्द महाकुंभ का आगाज होने वाला है। इसकी शुरुआत 13 जनवरी 2025 से होगी वहीं इसका समापन 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के दिन होगा।

महाकुंभ में प्रयागवाल क्या होता है

महाकुंभ की शुरुआत 13 जनवरी 2025 को प्रयागराज में पौष पूर्णिमा स्नान से होने वाली है और यह 26 जनवरी तक चलेगा। बता दें कि इस साल लगने वाला महाकुंभ होगा वो 144 साल बाद लग रहा है।

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