आदि अंत मेरा है राम (Aadi Ant Mera Hai Ram)

आदि अंत मेरा है राम,

उन बिन और सकल बेकाम ॥


कहा करूं तेरा बेद पुराना,

जिन है सकल जगत भरमाना ॥


कहा करूं तेरी अनुभै बानी,

जिनमें तेरी सुद्धि भुलानी ॥


कहा करूं ये मान बड़ाई,

राम बिना सबही दुखदाई ॥


कहा करूं तेरा सांख व जोग,

राम बिना सब बंधन रोग ॥


कहा करूं दंद्रिन का सुक्ख,

राम बिना देवा सब दुक्ख ॥


दरिया कहै राम गुरू मुखिया,

हरि बिनु दुखी राम सँग सुखिया ॥

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साल में दो दिन क्यों मनाई जाती है जन्माष्टमी, जानिए स्मार्त और वैष्णव संप्रदाय के बारे में जो मनाते हैं अलग-अलग जन्माष्टमी?

जन्माष्टमी का त्योहार दो दिन मनाने के पीछे देश के दो संप्रदाय हैं जिनमें पहला नाम स्मार्त संप्रदाय जबकि दूसरा नाम वैष्णव संप्रदाय का है।

आदित्य हृदय स्तोत्रम् (Aditya Hridaya Stotram)

ॐ अस्य आदित्यह्रदय स्तोत्रस्य, aaditya hriday stotra

खाटू वाले श्याम धणी को, हैलो आयो है(Khatu Wale Shyam Dhani Ko Helo Aayo Hai)

खाटू चालों खाटू चालों,
खाटू वाले श्याम धणी को,

शनिवार व्रत कथा

शनिदेव को ग्रहों का राजा कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि शनिवार के दिन भगवान शनिदेव की पूजा-अर्चना करनी चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन विधिवत शनिदेव की पूजा करने से सभी कष्ट दूर होते हैं और कुंडली में साढ़ेसाती और ढैय्या से मुक्ति मिलती है।

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