छठ पूजा: आदितमल के पक्की रे सड़कीया - छठ गीत (Aaditamal Ke Pakki Re Sadkiya)

आदितमल के पक्की रे सड़कीया,

कुजडा छानेला दोकान,

कुजडा छानेला दोकान ।


आदितमल के पक्की रे सड़कीया,

कुजडा छानेला दोकान,

कुजडा छानेला दोकान ।


घोडवा चढल अईले कवन देव,

करे लगले नरियर के मोल,

करे लगले फलवा के मोल ।


हाली हाली कर भैया मोलवा

भईले अरघीया के जून,

भईले अरघीया के जून ।


उगी ना आदितमल चमक से,

अरघ लिहीना मन से,

अरघ लिहीना मन से।


मनसा दिहीना पूराए,

मनसा दिहीना पूराए।


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सन्तोषी माता/शुक्रवार की ब्रत कथा (Santhoshi Mata / Sukravaar Ki Vrat Katha

एक नगरमें एक बुढ़ियाके सात पुत्र थे, सातौके विवाह होगए, सुन्दर स्त्री घर में सम्पन्न थीं। बड़े बः पुत्र धंधा करते थे बोटा निठल्ला कुछ नहीं करता था और इस ध्यान में मग्न रहता था कि में बिना किए का खाता हूं।

पुत्रदा एकादशी 2025

पौष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पुत्रदा या वैकुंठ एकादशी भी कहा जाता है। मान्यता है कि इस दिन पुत्र या संतान प्राप्ति के लिए उपाय करने से सफलता मिलती है। मान्यता है कि पुत्रदा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

माँ मैं खड़ा द्वारे पे पल पल(Maa Main Khada Dwar Tere)

तेरे दरबार का पाने नज़ारा,
मैं भी आया हू,

काले काले बदरा, घिर घिर आ रहे है (Kaale Kaale Badra Ghir Ghir Aa Rahe Hai)

काले काले बदरा,
घिर घिर आ रहे है,

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