ऐसे मेरे मन में विराजिये - भजन (Aaise Mere Maan Main Virajiye)

ऐसे मेरे मन में विराजिये

ऐसे मेरे मन में विराजिये

कि मै भूल जाऊं काम धाम

गाऊं बस तेरा नाम

भूल जाऊं काम धाम

गाऊं बस तेरा नाम

सीता राम सीता राम, सीता राम सीता राम

सीता राम सीता राम, सीता राम सीता राम

॥ ऐसे मेरे मन में विराजिये...॥


तू चंदा हम है चकोर,

दर्शन को मचाते है शोर।

तेरी कृपा की नजर,

अब हो जाये अपनी भी ओर।


करुणा करिये मत लाजिए,

कि मै भूल जाऊं काम धाम

गाऊं बस तेरा नाम

भूल जाऊं काम धाम

गाऊं बस तेरा नाम

सीता राम सीता राम, सीता राम सीता राम

सीता राम सीता राम, सीता राम सीता राम

ऐसे मेरे मन मैं विराजिये, ऐसे मेरे मन मैं..


प्रीती का सच्चा सुरूर,

जिन्हें तुमने दिया है हुज़ूर।

भक्ति की गहराईयाँ

पा लेंगे वो प्रेमी जरूर।


चरण कमल चित साजिए

कि मै भूल जाऊं काम धाम

गाऊं बस तेरा नाम

भूल जाऊं काम धाम

गाऊं बस तेरा नाम

सीता राम सीता राम, सीता राम सीता राम

सीता राम सीता राम, सीता राम सीता राम

ऐसे मेरे मन मैं विराजिये, ऐसे मेरे मन मैं..


जीने का एक फल यही,

जिसने जाना है ज्ञानी वही।

प्रीतम हृदय में बसे

बात संतो ने इतनी कही।


सिया संग प्यारी छवि छाजिये।

कि मै भूल जाऊं काम धाम

गाऊं बस तेरा नाम

भूल जाऊं काम धाम

गाऊं बस तेरा नाम

सीता राम सीता राम, सीता राम सीता राम

सीता राम सीता राम, सीता राम सीता राम


ऐसे मेरे मन में विराजिये

ऐसे मेरे मन में विराजिये

कि मै भूल जाऊं काम धाम

गाऊं बस तेरा नाम

भूल जाऊं काम धाम

गाऊं बस तेरा नाम

सीता राम सीता राम, सीता राम सीता राम

सीता राम सीता राम, सीता राम सीता राम

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देवो के देव हे महादेव (Devo Ke Dev He Mahadev)

नाथों के नाथ महादेव शिव शंकर
भीड़ में सुनसान में साक्षात् शम्भुनाथ

तेरे दरबार मे मैया खुशी मिलती है (Tere Darbar Mein Maiya Khushi Milti Hai)

तेरी छाया मे, तेरे चरणों मे,
मगन हो बैठूं, तेरे भक्तो मे ॥

दुर्गा पूजा पुष्पांजली

प्रथम पुष्पांजली मंत्र
ॐ जयन्ती, मङ्गला, काली, भद्रकाली, कपालिनी ।
दुर्गा, शिवा, क्षमा, धात्री, स्वाहा, स्वधा नमोऽस्तु ते॥
एष सचन्दन गन्ध पुष्प बिल्व पत्राञ्जली ॐ ह्रीं दुर्गायै नमः॥ Pratham Puspanjali Mantra
om jayanti, mangla, kali, bhadrakali, kapalini .
durga, shiva, kshama, dhatri, svahaa, svadha namo̕stu te॥
esh sachandan gandh pusp bilva patranjali om hrim durgaye namah॥

भगवान परशुराम की पूजा कैसे करें?

भगवान परशुराम का जन्म राजा जीमूतवाहन और उनकी पत्नी रेणुका के घर हुआ था। वे ब्राह्मण कुल से थे, लेकिन उनके कार्यक्षेत्र में शस्त्र-विद्या का ज्ञान और युद्धकला का अभ्यास था। उन्हें भगवान विष्णु के दशावतार में एक माना जाता है। परशुराम जी ने भगवान शिव से भी शिक्षा ली थी।

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