आजा माँ आजा माँ एक बार,
मेरे घर आजा माँ,
मैंने मन मंदिर में मैया,
तेरी ज्योत जगाई,
करके शेर सवारी,
आजा इक बारी महामाई,
आजा मां आजा मां एक बार,
मेरे घर आजा माँ ॥
मेरे सुने आँगन में माँ,
खुशियाँ तू बरसा दे,
करुणामई ऐ जगदम्बे माँ,
सोया भाग जगा दे,
मैंने सारी दुनिया देखि,
मुझे ना कोई भाया,
शाम सवेरे मैंने मैया,
तेरा ही गुण गाया,
आजा मां आजा मां एक बार,
मेरे घर आजा माँ ॥
दर्शन को ये नैना तरसे,
आके दर्श दिखाओ,
कब से देखे राह तुम्हारी,
इनकी प्यास बुझाओ,
थोड़ी सी किरपा कर दे,
बेटी तुझे पुकारे,
हाथ दया का सिर पे रख दे,
कर दे वारे न्यारे,
आजा मां आजा मां एक बार,
मेरे घर आजा माँ ॥
ताने मारेगी ये दुनिया,
जो माँ तू ना आई,
मेरा कुछ ना जाएगा,
तेरी होगी माँ रुसवाई,
सदा रहेंगे अम्बे मैया,
बन के तेरे पुजारी,
‘धामा और शर्मा’ ने माँ,
चरणों में अर्ज गुजारी,
आजा मां आजा मां एक बार,
मेरे घर आजा माँ ॥
आजा माँ आजा माँ एक बार,
मेरे घर आ जा माँ,
मैंने मन मंदिर में मैया,
तेरी ज्योत जगाई,
करके शेर सवारी,
आजा इक बारी महामाई,
आजा मां आजा मां एक बार,
मेरे घर आजा माँ ॥
हिंदू धर्म में आस्था और सूर्य उपासना का सबसे बड़ा पर्व चैती छठ को माना जाता है। छठ पूजा साल में दो बार कार्तिक और चैत्र माह में मनाई जाती है। कार्तिक छठ की तुलना में चैती छठ को कम लोग मनाते हैं, लेकिन इसका धार्मिक महत्व भी उतना ही खास है।
छठ महापर्व साल में दो बार मनाया जाता है। एक चैत्र मास में और दूसरा शारदीय मास में। हिंदू धर्म में छठ महापर्व का विशेष महत्व है। छठ पूजा को त्योहार के तौर पर नहीं, बल्कि महापर्व के तौर पर मनाया जाता है।
आज 07 अप्रैल 2025 चैत्र माह का बाईसवां दिन है और आज इस पंचांग के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष तिथि दशमी है। आज सोमवार का दिन है। इस तिथि पर धृति योग रहेगा।
आज 08 अप्रैल 2025 चैत्र माह का तेईसवां दिन है और आज इस पंचांग के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष तिथि एकादशी है। आज मंगलवार का दिन है। इस तिथि पर शूल योग रहेगा।