नवीनतम लेख
लागे वृन्दावन नीको,
सखी मोहे लागे वृन्दावन नीको।
लागे वृन्दावन नीको,
आली री मोहे लागे वृन्दावन नीको।
आली मन लागे वृन्दावन नीको।
घर घर तुलसी ठाकुर सेवा,
दर्शन गोविन्द जी को,
आली मन लागे वृन्दावन नीको।
निर्मल नीर बहे जमुना को,
भोजन दूध दही को,
आली मन लागे वृन्दावन नीको।
रतन सिंघासन आप विराजे,
मुकुट धरो तुलसी को,
आली मन लागे वृन्दावन नीको।
कुंजन कुंजन फिरत राधिका,
शबद सुनत मुरली को,
आली मन लागे वृन्दावन नीको।
मीरा के प्रभु गिरधर नागर,
भजन बिना नरभी को,
आली मन लागे वृन्दावन नीको।
'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।