आना गणपति देवा, हमारे घर कीर्तन में (Aana Ganapati Deva Hamare Ghar Kirtan Mein)

आना गणपति देवा,

हमारे घर कीर्तन में,

मंगल कारज हो जब,

हमारे घर आँगन में,

दर्शन दिखाना तुम,

हमको ऐ देवा,

आना होके सवार,

मूषक वाले वाहन में,

आना गणपतिं देवा,

हमारे घर कीर्तन में ॥


श्रद्धा से हम तेरा पूजन करेंगे,

श्रद्धा से हम तेरा पूजन करेंगे,

मोदक लड्डू का थाल,

हम देंगे तुम्हे भोजन में,

आना गणपतिं देवा,

हमारे घर कीर्तन में,

आना गणपतिं देवा ॥


रूप अनुपम तुम्हारा गजानन,

रूप अनुपम तुम्हारा गजानन,

ज्यूँ ना भलाई समाय,

हम भक्तो के नैनन में,

आना गणपतिं देवा,

हमारे घर कीर्तन में,

आना गणपतिं देवा ॥


भक्तो के मन की यही कामना है,

भक्तो के मन की यही कामना है,

बीते हमारा ये जीवन,

गणेशा तेरे चरणन में,

आना गणपतिं देवा,

हमारे घर कीर्तन में,

आना गणपतिं देवा ॥


बस इतनी किरपा तुम करना गजानन,

बस इतनी किरपा तुम करना गजानन,

खुशियाँ ही खुशियाँ ले आना,

देवा हमारे जीवन में,

आना गणपतिं देवा,

हमारे घर कीर्तन में,

आना गणपतिं देवा ॥


रिद्धि सिद्धि को भी तुम साथ लाना,

रिद्धि सिद्धि को भी तुम साथ लाना,

उनका भी दर्शन दिखाना,

हमारे घर कीर्तन में,

आना गणपतिं देवा,

हमारे घर कीर्तन में,

आना गणपतिं देवा ॥


लक्ष्मी जी को भी तुम संग में ले आना,

लक्ष्मी जी को भी तुम संग में ले आना,

धन वर्षा तुम कराना,

हमारे घर कीर्तन में,

आना गणपतिं देवा,

हमारे घर कीर्तन में,

आना गणपतिं देवा ॥


आना गणपति देवा,

हमारे घर कीर्तन में,

मंगल कारज हो जब,

हमारे घर आँगन में,

दर्शन दिखाना तुम,

हमको ऐ देवा,

आना होके सवार,

मूषक वाले वाहन में,

आना गणपतिं देवा,

हमारे घर कीर्तन में ॥


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विष्णु जी की पूजा विधि

सनातन धर्म में सप्ताह के हर दिन को किसी न किसी देवता को समर्पित माना गया है। गुरुवार भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का दिन है।

हे मेरे गुरुदेव करुणा सिन्धु करुणा कीजिये (He Mere Gurudev Karuna Sindhu Karuna Keejiye)

गुरुर्ब्रह्मा ग्रुरुर्विष्णुः, गुरुर्देवो महेश्वरः ।
गुरुः साक्षात् परं ब्रह्म, तस्मै श्री गुरवे नमः ॥

आज तो गुरुवार है, सदगुरुजी का वार है (Aaj To Guruwar hai, Sadguru Ka War Hai)

आज तो गुरुवार है, सदगुरुजी का वार है।
गुरुभक्ति का पी लो प्याला, पल में बेड़ा पार है ॥

आजु मिथिला नगरिया निहाल सखिया (Aaj Mithila Nagariya Nihar Sakhiya)

आजु मिथिला नगरिया निहाल सखिया,
चारों दुलहा में बड़का कमाल सखिया!

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