आना हो श्री गणेशा,
मेरे भी घर में आना,
हे गौरीसुत गजानन,
हे गौरीसुत गजानन,
मुझको ना भूल जाना,
आना हों श्री गणेशा,
मेरे भी घर में आना ॥
मोदक हो लड्डू अपने,
हाथों से मैं बनाऊं,
जो चाहोगे गणेशा,
तुमको मैं वो खिलाऊँ,
सेवा करूँ तुम्हारी,
सेवा करूँ तुम्हारी,
कुछ दिन यहीं बिताना,
आना हों श्री गणेशा,
मेरे भी घर में आना,
हे गौरीसुत गजानन,
मुझको ना भूल जाना,
आना हों श्री गणेशा,
मेरे भी घर में आना ॥
हर साल मेरे देवा,
सबके ही घर में आते,
कुटिया में मेरी आना,
तुम क्यों हो भूल जाते,
वादा किया जो तुमने,
वादा किया जो तुमने,
भक्तो से वो निभाना,
आना हों श्री गणेशा,
मेरे भी घर में आना,
हे गौरीसुत गजानन,
मुझको ना भूल जाना,
आना हों श्री गणेशा,
मेरे भी घर में आना ॥
हम भी दीवाने तेरे,
हे गणपति गजानन,
अब के बरस हो देवा,
सूना ना रखना आँगन,
इक फेरा मेरे घर का,
इक फेरा मेरे घर का,
आकर के तुम लगाना,
आना हों श्री गणेशा,
मेरे भी घर में आना,
हे गौरीसुत गजानन,
मुझको ना भूल जाना,
आना हों श्री गणेशा,
मेरे भी घर में आना ॥
हर पल मुझे जरुरत,
दुनिया में है तुम्हारी,
रखते हो लाज सबकी,
रखनी है अब हमारी,
ठोकर जगत ने मारी,
ठोकर जगत ने मारी,
चरणों में तुम बिठाना,
आना हों श्री गणेशा,
मेरे भी घर में आना,
हे गौरीसुत गजानन,
मुझको ना भूल जाना,
आना हों श्री गणेशा,
मेरे भी घर में आना ॥
आना हो श्री गणेशा,
मेरे भी घर में आना,
हे गौरीसुत गजानन,
हे गौरीसुत गजानन,
मुझको ना भूल जाना,
आना हों श्री गणेशा,
मेरे भी घर में आना ॥
है हारे का सहारा श्याम,
लखदातार है तू ॥
हनुमान जी की पूजा में विशेष मंत्रों और नियमों का पालन करना अत्यंत शुभ माना जाता है। पूजन की शुरुआत गणपति वंदना से होती है, जिसके बाद हनुमान जी को स्नान, वस्त्र, आभूषण, सिंदूर, धूप-दीप और प्रसाद अर्पित किया जाता है।
है मतवाला मेरा रखवाला,
लाल लंगोटे वाला,
काल के पंजे से माता बचाओ,
जय माँ अष्ट भवानी,