आओ सब महिमा गाये, मिल के हनुमान की (Aao Sab Mahima Gaaye Milke Hanuman Ki)

आओ सब महिमा गाये,

मिल के हनुमान की,

दुनिया दीवानी हो गई,

सालासर धाम की,

दुनिया दिवानी हो गई,

सालासर धाम की ॥


राम नाम का बड़ा व्यापारी,

सेठों का है सेठ,

सेठों का है सेठ,

जब चाहे ये मौज बना दे,

कष्टों को दे मेट,

कष्टों को दे मेट,

करता ना लेट इनपे,

किरपा है राम की,

दुनिया दिवानी हो गई,

सालासर धाम की ॥


आठों पहर चौबीसो घंटे,

राम नाम गुण गाता,

राम नाम गुण गाता,

सारे काम करे आसान है,

राम से सीधा नाता,

राम से सीधा नाता,

ह्रदय में राम समाए,

संग माता जानकी,

दुनिया दिवानी हो गई,

सालासर धाम की ॥


इनकी मेहर का किसे पता है,

कब किस पर हो जाए,

कब किस पर हो जाए,

इसी आस विश्वास पे दुनिया,

तेरे दर पे आए,

तेरे दर पे आए,

बाबा ने बदली किस्मत,

देखो ‘बलराम’ की,

दुनिया दिवानी हो गई,

सालासर धाम की ॥


आओ सब महिमा गाये,

मिल के हनुमान की,

दुनिया दीवानी हो गई,

सालासर धाम की,

दुनिया दिवानी हो गई,

सालासर धाम की ॥

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छठि मैया बुलाए (Chhathi Maiya Bulaye)

बन परदेशिया जे गइल शहर तू
बिसरा के लोग आपन गांव के घर तू

गुप्त नवरात्रि में देवी पूजा कैसे करें

यूं तो नवरात्रि पूरे साल मे 4 बार आती है। चैत्र और शारदीय नवरात्रि के अलावा दो नवरात्रि माघ और आषाढ़ के समय मनाई जाती है। जिन्हें गुप्त नवरात्रि के रूप मे जाना जाता है।

मकर संक्रांति की पूजा विधि

मकर संक्रांति की ग्रह स्थिति तब बनती है जब सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करता है। इसे सूर्य का मकर संक्रांति में गोचर कहा जाता है। यही समय मकर संक्रांति का प्रमुख क्षण माना जाता है।

शिव शंकर भोलेनाथ, तेरा डमरू बाजे पर्वत पे (Shiv Shankar Bholenath Tera Damru Baje Parvat Pe)

शिव शंकर भोलेनाथ,
तेरा डमरू बाजे पर्वत पे,

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