आता रहा है सांवरा,
आता ही रहेगा,
दीनों की लाज श्याम,
दीनों की लाज श्याम,
बचाता ही रहेगा,
आता रहा है साँवरा,
आता ही रहेगा ॥
गिरते हुए को और ही,
गिराता है जहान,
गिरते हुए को थाम ले,
ऐसा कोई कहाँ,
गिरते को थाम श्याम,
गिरते को थाम श्याम,
उठाता ही रहेगा,
आता रहा है साँवरा,
आता ही रहेगा ॥
हारे का साथ देने की,
मुश्किल बड़ी डगर,
देकर के दान शीश का,
वो हो गया अमर,
माँ को दिया वचन वो,
माँ को दिया वचन वो,
निभाता ही रहेगा,
आता रहा है साँवरा,
आता ही रहेगा ॥
हालात से जो हार कर,
दरबार आ गया,
‘सूरज’ इनसे जीत का,
वरदान पा गया,
हारे हुए को श्याम,
हारे हुए को श्याम,
जीताता ही रहेगा,
आता रहा है साँवरा,
आता ही रहेगा ॥
आता रहा है सांवरा,
आता ही रहेगा,
दीनों की लाज श्याम,
दीनों की लाज श्याम,
बचाता ही रहेगा,
आता रहा है साँवरा,
आता ही रहेगा ॥
पंचांग के अनुसार चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि है। इस तिथि पर हस्त नक्षत्र और वृद्धि योग का संयोग बन रहा है।
पंचांग के अनुसार चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि है। इस तिथि पर चित्रा नक्षत्र और ध्रुव योग का संयोग बन रहा है। वहीं चंद्रमा तुला राशि में हैं और सूर्य मीन राशि में मौजूद हैं।
होली भाई दूज भाई-बहन के प्रेम और स्नेह के प्रतीक का त्योहार है, जो होली के बाद मनाया जाता है। इस दिन बहन अपने भाई को तिलक कर उसकी लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की प्रार्थना करती है।
चैत्र माह हिंदू पंचांग का पहला और अत्यंत पावन महीना है, जिसे भक्ति, साधना और आराधना का प्रतीक माना जाता है। इस महीने से न केवल हिन्दू नववर्ष की शुरुआत होती है, बल्कि प्रकृति में भी बदलाव दिखाई देता है।