आता रहा है सांवरा,
आता ही रहेगा,
दीनों की लाज श्याम,
दीनों की लाज श्याम,
बचाता ही रहेगा,
आता रहा है साँवरा,
आता ही रहेगा ॥
गिरते हुए को और ही,
गिराता है जहान,
गिरते हुए को थाम ले,
ऐसा कोई कहाँ,
गिरते को थाम श्याम,
गिरते को थाम श्याम,
उठाता ही रहेगा,
आता रहा है साँवरा,
आता ही रहेगा ॥
हारे का साथ देने की,
मुश्किल बड़ी डगर,
देकर के दान शीश का,
वो हो गया अमर,
माँ को दिया वचन वो,
माँ को दिया वचन वो,
निभाता ही रहेगा,
आता रहा है साँवरा,
आता ही रहेगा ॥
हालात से जो हार कर,
दरबार आ गया,
‘सूरज’ इनसे जीत का,
वरदान पा गया,
हारे हुए को श्याम,
हारे हुए को श्याम,
जीताता ही रहेगा,
आता रहा है साँवरा,
आता ही रहेगा ॥
आता रहा है सांवरा,
आता ही रहेगा,
दीनों की लाज श्याम,
दीनों की लाज श्याम,
बचाता ही रहेगा,
आता रहा है साँवरा,
आता ही रहेगा ॥
भोले बाबा का ये दर,
भक्तों का बन गया है घर,
भोले बाबा ने पकड़ा हाथ,
की रहता हर पल मेरे साथ,
भोले बाबा ने यूँ ही बजाया डमरू,
सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया ॥
कार्तिक पूर्णिमा में व्रत और पूजा-पाठ बहुत ही शुभ होते हैं। इस वर्ष यह व्रत 15 नवंबर 2024 को है। कार्तिक मास में शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि में विशेष पूजा करने और स्नान-दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।