आया हरियाली तीज का त्यौहार, महीना सावन का (Aaya Hariyali Teej Ka Tyohar, Mahina Sawan Ka)

आया हरियाली तीज का त्यौहार,

महीना सावन का,

बाँध घुंघरू नाचे बहार,

महीना सावन का,

आया हरियाली तीज का त्योहार,

महीना सावन का ॥


उमड़ घुमड़ घनघोर घटाएं,

रिमझिम बुँदे रस बरसाए,

गावे मेघा मेघ मल्हार,

महीना सावन का,

आया हरियाली तीज का त्योहार,

महीना सावन का ॥


कोकिल चातक मोर चकोरे,

बुलबुल जुगनू तितलियाँ भोरें,

नाचे झूमे करे गुंजार,

महीना सावन का,

आया हरियाली तीज का त्योहार,

महीना सावन का ॥


वन वन में फुलवारी फुले,

राधा माधव झूला झूले,

फूलों कलियों का श्रृंगार,

महीना सावन का,

आया हरियाली तीज का त्योहार,

महीना सावन का ॥


सावन झूला दर्शन कीजे,

मधुप युगल हरि गायन कीजे,

जय बोलो युगल सरकार,

महीना सावन का,

आया हरियाली तीज का त्योहार,

महीना सावन का ॥


आया हरियाली तीज का त्यौहार,

महीना सावन का,

बाँध घुंघरू नाचे बहार,

महीना सावन का,

आया हरियाली तीज का त्योहार,

महीना सावन का ॥


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क्यों मनाते हैं रथ सप्तमी

रथ सप्तमी सनातन हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार माना जाता है। यह माघ मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाया जाता है। 2025 में यह त्योहार 4 फरवरी को मनाई जाएगी।

फूल देई, छम्मा देई (Phool Dei, Chamma Dei Geet)

फूल देई, छम्मा देई ।
जतुके दियाला, उतुके सई ॥

थारो खूब सज्यो दरबार, म्हारा बालाजी सरकार (Tharo Khub Sajyo Darbar Mhara Balaji Sarkar)

थारो खूब सज्यो दरबार,
म्हारा बालाजी सरकार,

गणेश जी की आरती

जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा,
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।

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