आयो फागण को त्यौहार,
नाचे ठुमक ठुमक दातार,
सागे नाचे श्याम को लिलो,
छम छम भक्ता की भरमार,
आयो रंगीलो फागणियो,
सज के बैठ्यो है सांवरियो,
म्हारो लखदातार ॥
ज्यो फागण निडे आवे,
म्हाने कुछ भी नहीं सुहावे,
आंख्या में नींदड़ली घुल घुल बाबा,
पाछी ही उड़ जावे,
आयो रंगीलो फागणियो,
सज के बैठ्यो है सांवरियो,
म्हारो लखदातार ॥
इत्तर की खुशबु भारी,
खाटू का श्याम बिहारी,
तेरो रूप सलोनो देख सांवरा,
जाऊं मैं बलिहारी,
आयो रंगीलो फागणियो,
सज के बैठ्यो है सांवरियो,
म्हारो लखदातार ॥
सेवक दूर दूर से आवे,
फागण में रह नहीं पावे,
पाछा जाता मुड़ मुड़ देख थाने,
म्हारो मन घबरावे,
आयो रंगीलो फागणियो,
सज के बैठ्यो है सांवरियो,
म्हारो लखदातार ॥
कोई रंग गुलाल उड़ावे,
संग चंग धमाल मचावे,
माहि के संग होली खेल सांवरो,
सांचो प्रेम लुटावे,
आयो रंगीलो फागणियो,
सज के बैठ्यो है सांवरियो,
म्हारो लखदातार ॥
आयो फागण को त्यौहार,
नाचे ठुमक ठुमक दातार,
सागे नाचे श्याम को लिलो,
छम छम भक्ता की भरमार,
आयो रंगीलो फागणियो,
सज के बैठ्यो है सांवरियो,
म्हारो लखदातार ॥
जय पितरजी महाराज, जय जय पितरजी महाराज।
शरण पड़यो हूँ थारी, राखो हमरी लाज॥
जय भगवद् गीते, माता जय भगवद् गीते।
हरि हिय कमल विहारिणि, सुन्दर सुपुनीते॥
अङ्गं हरेः पुलकभूषणमाश्रयन्तीभृङ्गाङ्गनेव मुकुलाभरणं तमालम्।
अङ्गीकृताऽखिल-विभूतिरपाङ्गलीलामाङ्गल्यदाऽस्तु मम मङ्गळदेवतायाः॥1॥
देवी देवमुपागम्य नीलकण्ठं मम प्रियम्।
कृपया पार्वती प्राह शंकरं करुणाकरम्॥