अब किसी महफिल में जाने (Ab Kisi Mehfil Me )

अब किसी महफिल में जाने,

की हमें फुर्सत नहीं,

दुनिया वालो को मनाने,

की हमें फुर्सत नहीं ॥


एक दिल है जिसमे मेरा,

बस गया है सांवरा,

अब कही दिल को लगाने,

की हमें फुर्सत नहीं ।


​अब किसी महफिल मे जाने,

की हमें फुर्सत नहीं,

दुनिया वालो को मनाने,

की हमें फुर्सत नहीं ॥


ये जो आंखे है हमारी,

मिल गयी है श्याम से,

अब कही आँखे मिलाने,

की हमें फुर्सत नहीं ।


​अब किसी महफिल मे जाने,

की हमें फुर्सत नहीं,

दुनिया वालो को मनाने,

की हमें फुर्सत नहीं ॥


एक सर है झुक गया जो,

आपके दरबार में,

अब कही सर को झुकाने,

की हमें फुर्सत नहीं ।


​अब किसी महफिल मे जाने,

की हमें फुर्सत नहीं,

दुनिया वालो को मनाने,

की हमें फुर्सत नहीं ॥

BhaktiBharat Lyrics


​अब किसी महफ़िल में जाने,

की हमें फुर्सत नहीं,

दुनिया वालो को मनाने,

की हमें फुर्सत नहीं ॥

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उनके हाथों में लग जाए ताला (Unke Hato Me Lag Jaye Tala)

उनके हाथों में लग जाए ताला, अलीगढ़ वाला।
सवा मन वाला, जो मैय्या जी की ताली न बजाए।

खाटू वाले श्याम हमारे(Khatu Wale Shyam Hamare)

खाटू वाले श्याम हमारे,
भक्तों के तू काज संवारे,

विनायक चतुर्थी चालीसा

विनायक चतुर्थी के दिन भगवान गणेश और शिव परिवार की पूजा-अर्चना करने का विधान है। धार्मिक मान्यता है कि गणपति बप्पा की पूजा करने से सभी तरह के विघ्न दूर होते हैं। इसलिए भगवान गणेश को विघ्नहर्ता भी कहा जाता है।

स्कंद षष्ठी व्रत कथा

स्कंद षष्ठी का व्रत हर माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि के दिन रखा जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, साल 2025 की पहली स्कन्द षष्ठी 05 जनवरी को मनाई जाएगी।

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