अजब है भोलेनाथ ये, दरबार तुम्हारा - भजन (Ajab Hai Bholenath Ye Darbar Tumhara)

अजब है भोलेनाथ ये,

दरबार तुम्हारा,

दरबार तुम्हारा,

भूत प्रेत नित करे चाकरी,

सबका यहाँ गुज़ारा,

अजब है भोलेंनाथ ये,

दरबार तुम्हारा,

दरबार तुम्हारा ॥


बाघ बैल को हरदम,

एक जगह पर राखे,

कभी ना एक दूजे को,

बुरी नज़र से ताके,

कही और नही देखा हमने,

ऐसा गजब नज़ारा,

अजब है भोलेंनाथ ये,

दरबार तुम्हारा,

दरबार तुम्हारा ॥


गणपति राखे चूहा,

कभी सर्प नही छुआ,

भोले सर्प लटकाए,

कार्तिक मोर नचाए,

आज का कानून नही है तेरा,

अनुशाशित है सारे,

अजब है भोलेंनाथ ये,

दरबार तुम्हारा,

दरबार तुम्हारा ॥


अजब है भोलेनाथ ये,

दरबार तुम्हारा,

दरबार तुम्हारा,

भूत प्रेत नित करे चाकरी,

सबका यहाँ गुज़ारा,

अजब है भोलेंनाथ ये,

दरबार तुम्हारा,

दरबार तुम्हारा ॥


........................................................................................................
कार्तिक मास के फायदे

कार्तिक मास के दौरान लोग दिल खोल कर दान पुण्य करते हैं। भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तर पूर्वी क्षेत्र में बसे वैसे लोग जो गंगा किनारे नहीं हैं वे कार्तिक माह में गंगा किनारे आकर रहते हैं।

माता लक्ष्मी जी की आरती

ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता ।
तुमको निसदिन सेवत, हर विष्णु विधाता ॥

माँ सरस्वती! मुझको नवल उत्थान दो (Mujhko Naval Utthan Do, Maa Saraswati Vardan Do)

मुझको नवल उत्थान दो ।
माँ सरस्वती! वरदान दो ॥

जय हो, जय हो महाकाल राजा (Jai Ho Jai ho Mahakal Raja)

जय हो जय हो महाकाल राजा,
तेरी किरपा की छाई है छाया ।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने