हरी दर्शन की प्यासी अखियाँ (Akhiya Hari Darshan Ki Pyasi)

हरी दर्शन की प्यासी अखियाँ

अखियाँ हरी दर्शन की प्यासी ॥


देखियो चाहत कमल नैन को,

निसदिन रहेत उदासी,

अखियाँ हरी दर्शन की प्यासी ॥


हरी दर्शन की प्यासी अखियाँ

अखियाँ हरी दर्शन की प्यासी ॥


आये उधो फिरी गए आँगन,

दारी गए गर फँसी,

अखियाँ हरी दर्शन की प्यासी ॥


हरी दर्शन की प्यासी अखियाँ

अखियाँ हरी दर्शन की प्यासी ॥


केसर तिलक मोतीयन की माला,

ब्रिन्दावन को वासी,

अखियाँ हरी दर्शन की प्यासी ॥


हरी दर्शन की प्यासी अखियाँ

अखियाँ हरी दर्शन की प्यासी ॥


काहू के मन की कोवु न जाने,

लोगन के मन हासी,

अखियाँ हरी दर्शन की प्यासी ॥


हरी दर्शन की प्यासी अखियाँ

अखियाँ हरी दर्शन की प्यासी ॥


सूरदास प्रभु तुम्हारे दरस बिन,

लेहो करवट कासी,

अखियाँ हरी दर्शन की प्यासी ॥


हरी दर्शन की प्यासी अखियाँ

अखियाँ हरी दर्शन की प्यासी ॥


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बसंत पंचमी कथा

बसंत पंचमी सनातन धर्म का विशेष पर्व है, जिसे माघ महीने में मनाया जाता है। इस दिन ज्ञान की देवी मां सरस्वती की पूजा होती है। इस खास दिन पर माता शारदा की पूजा की जाती है और सामाजिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है।

Main Balak Tu Mata Sherawaliye (मैं बालक तू माता शेरां वालिए)

मैं बालक तू माता शेरां वालिए,
है अटूट यह नाता शेरां वालिए ।
शेरां वालिए माँ, पहाड़ा वालिए माँ,
मेहरा वालिये माँ, ज्योतां वालिये माँ ॥
॥ मैं बालक तू माता शेरां वालिए...॥

प्रदोष व्रत पर शिव की पूजा

प्रदोष व्रत भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा को समर्पित है। इस दिन व्रत और पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है। साथ ही जीवन में आने वाली सभी बाधाएं दूर होती हैं।

वृंदावनी वेणू (Vrindavani Venu)

वृंदावनी वेणु कवणाचा माये वाजे ।
वेणुनादें गोवर्धनु गाजे ॥

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