हरी दर्शन की प्यासी अखियाँ
अखियाँ हरी दर्शन की प्यासी ॥
देखियो चाहत कमल नैन को,
निसदिन रहेत उदासी,
अखियाँ हरी दर्शन की प्यासी ॥
हरी दर्शन की प्यासी अखियाँ
अखियाँ हरी दर्शन की प्यासी ॥
आये उधो फिरी गए आँगन,
दारी गए गर फँसी,
अखियाँ हरी दर्शन की प्यासी ॥
हरी दर्शन की प्यासी अखियाँ
अखियाँ हरी दर्शन की प्यासी ॥
केसर तिलक मोतीयन की माला,
ब्रिन्दावन को वासी,
अखियाँ हरी दर्शन की प्यासी ॥
हरी दर्शन की प्यासी अखियाँ
अखियाँ हरी दर्शन की प्यासी ॥
काहू के मन की कोवु न जाने,
लोगन के मन हासी,
अखियाँ हरी दर्शन की प्यासी ॥
हरी दर्शन की प्यासी अखियाँ
अखियाँ हरी दर्शन की प्यासी ॥
सूरदास प्रभु तुम्हारे दरस बिन,
लेहो करवट कासी,
अखियाँ हरी दर्शन की प्यासी ॥
हरी दर्शन की प्यासी अखियाँ
अखियाँ हरी दर्शन की प्यासी ॥
कामदा एकादशी हिंदू धर्म में बहुत ही शुभ मानी जाती है। यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है और इसे करने से व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिलती है। इस दिन व्रत रखने और विशेष पूजा-अर्चना करने से जीवन में सुख-समृद्धि और शांति आती है।
एकादशी व्रत का हिंदू धर्म में विशेष महत्व होता है। हर वर्ष 24 एकादशी आती हैं, जिनमें से प्रत्येक का अलग धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व होता है। चैत्र शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को कामदा एकादशी कहा जाता है।
अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से अप्रैल साल का चौथा महीना होता है। अप्रैल का दूसरा हफ्ता विभिन्न त्योहारों और उत्सवों से भरा हुआ है। इस हफ्ते में कई महत्वपूर्ण त्योहार पड़ेंगे।
हिंदू धर्म में एकादशी का विशेष महत्व होता है, और चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को कामदा एकादशी कहा जाता है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट होते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।