अम्बे रानी ने, अपना समझ कर मुझे: भजन (Ambe Rani Ne Apna Samjh Kar Mujhe)

अम्बे रानी ने,

अपना समझ कर मुझे,

अपने दर पे बुलाया,

मजा आ गया,

शेरा वाली ने,

अपना समझ कर मुझे,

अपने दर पे बुलाया,

मजा आ गया,

विघ्नहर्ता विनायक ने,

शुभ लाभ को,

माँ की महिमा बताया,

मजा आ गया,

पाप सब धूल गया,

भाग्य ही खुल गया,

चरणों में सिर झुकाया,

मजा आ गया,

अम्बें रानी ने,

अपना समझ कर मुझे,

अपने दर पे बुलाया,

मजा आ गया ॥


भैरव खुश हो गए,

ध्यान में खो गए,

और हनुमान,

श्री राम जपने लगे,

ब्रम्हा ने व्यास को,

एक नए वेद का,

ज्ञान फिर से कराया,

मजा आ गया,

अम्बें रानी ने,

अपना समझ कर मुझे,

अपने दर पे बुलाया,

मजा आ गया ॥


स्तुति माँ की करने,

लगा स्वर्ग में,

देवताओं सहित,

वज्र ‘देवेंद्र’ का,

कृपा ‘कुलदीप’ पर,

करके करुणामयी,

‘गुरु ब्रजमोहन’ पर,

करके करुणामयी,

तूने जो कुछ लिखाया,

मजा आ गया,

अम्बें रानी ने,

अपना समझ कर मुझे,

अपने दर पे बुलाया,

मजा आ गया ॥


अम्बे रानी ने,

अपना समझ कर मुझे,

अपने दर पे बुलाया,

मजा आ गया,

शेरा वाली ने,

अपना समझ कर मुझे,

अपने दर पे बुलाया,

मजा आ गया,

विघ्नहर्ता विनायक ने,

शुभ लाभ को,

माँ की महिमा बताया,

मजा आ गया,

पाप सब धूल गया,

भाग्य ही खुल गया,

चरणों में सिर झुकाया,

मजा आ गया,

अम्बें रानी ने,

अपना समझ कर मुझे,

अपने दर पे बुलाया,

मजा आ गया ॥


........................................................................................................
शिव पूजा विधि

सर्वप्रथम पहले की तरह आचमन कर पवित्री धारण करे। अपने ऊपर और पूजा-सामग्री पर जल का प्रोक्षण करे।

जनेऊ/उपनयन संस्कार पूजा विधि

जनेऊ संस्कार को उपनयन संस्कार के नाम से भी जाना जाता है। यह हिंदू धर्म के 16 संस्कारों में से एक प्रमुख संस्कार है। यह संस्कार बालक के जीवन में एक नया अध्याय शुरू करने का प्रतीक है।

गुरु बिन घोर अँधेरा संतो (Guru Bina Ghor Andhera Re Santo)

गुरु बिन घोर अँधेरा संतो,
गुरु बिन घोर अँधेरा जी ।

हाथ जोड़ विनती करू तो सुनियो चित्त लगाये - विनती भजन (Shyam Puspanjali Shri Khatu Shyamji Vinati)

हाथ जोड़ विनती करूं सुणियों चित्त लगाय,
दास आ गयो शरण में रखियो इसकी लाज,

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने