अंजनी के लाल तुमको, मेरा प्रणाम हो (Anjani Ke Lal Tumko Mera Pranam Ho)

अंजनी के लाल तुमको,

मेरा प्रणाम हो,

शत शत प्रणाम,

कोटि कोटि प्रणाम हो,

अँजनी के लाल तुमको,

मेरा प्रणाम हो ॥


रूद्र रूप में तुम हो शंकर,

अति रणबाकुर रूप भयंकर,

रूद्र रूप में तुम हो शंकर,

अति रणबाकुर रूप भयंकर,

कनक भूधरा तन को प्रणाम हो,

अँजनी के लाल तुमको,

मेरा प्रणाम हो ॥


सत योजन किया सागर पारा,

तुम्हरे बल को नहीं सुमारा,

सत योजन किया सागर पारा,

तुम्हरे बल को नहीं सुमारा,

तुम तो प्रभु अतुलित बलधाम हो,

अँजनी के लाल तुमको,

मेरा प्रणाम हो ॥


अक्षय मार वाटिका उजारि,

सोने की लंका पल में है जारी,

अक्षय मार वाटिका उजारि,

सोने की लंका पल में है जारी,

दुष्ट दलन तुम वीर हनुमान हो,

अँजनी के लाल तुमको,

मेरा प्रणाम हो ॥


अंजनी के लाल तुमको,

मेरा प्रणाम हो,

शत शत प्रणाम,

कोटि कोटि प्रणाम हो,

अँजनी के लाल तुमको,

मेरा प्रणाम हो ॥

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षटतिला एकादशी में तुलसी का महत्व

हिंदू धर्म में पूरे साल में आने वाली सभी 24 एकादशियों में से प्रत्येक को विशेष माना जाता है। उन्हीं में से एक षटतिला एकादशी है। माघ महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी को ही षटतिला एकादशी कहते हैं।

बाबा ये नैया कैसे डगमग डोली जाये (Baba Ye Naiya Kaise Dagmag Doli Jaye)

बाबा ये नैया कैसे,
डगमग डोली जाए,

आदियोगी दूर उस आकाश की गहराइयों में (Adiyogi door us aakash ke gaharaiyon mein)

दूर उस आकाश की गहराइयों में,
एक नदी से बह रहे हैं आदियोगी,

कभी धूप कभी छाँव (Kabhi Dhoop Kabhi Chhaon)

सुख दुःख दोनों रहते जिस में
जीवन है वो गाओं

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