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अंजनीसुत केसरी नंदन ने (Anjani Sut Kesari Nandan Ne)

अंजनीसुत केसरी नंदन ने (Anjani Sut Kesari Nandan Ne)

अंजनीसुत केसरी नंदन ने,

श्री राम के कारज सारे है,

सम्पूर्ण रामायण साक्षी है,

पग पग पे संकट टारे है,

अंजनीसुत केसरीनंदन ने,

श्री राम के कारज सारे है ॥


नारायण राम अवतार लिए,

पृथ्वी का पाप मिटाने को,

शिव रूद्र रूप धारे हनुमत,

श्री राम को पथ दर्शाने को,

सेवक का स्थान लिए हनुमत,

नारायण संग पधारे है,

सम्पूर्ण रामायण साक्षी है,

पग पग पे संकट टारे है,

अंजनीसुत केसरीनंदन ने,

श्री राम के कारज सारे है ॥


शिव भक्त थे कौशल नंदन,

हनुमत उनके आराधक थे,

लंकापति रावण महाबली,

कैलाशपति का साधक था,

अभिमान रूपी उस दानव को,

श्री राम सहित संघारे है,

सम्पूर्ण रामायण साक्षी है,

पग पग पे संकट टारे है,

अंजनीसुत केसरीनंदन ने,

श्री राम के कारज सारे है ॥


वानर का रूप धरा कपि ने,

राजाओं सा श्रृंगार लिया,

जब भी दानव शक्ति उभरी,

बल कौशल से संघार किया,

श्री राम के नैनो की ज्योति,

रघुवर के प्राण पियारे है,

सम्पूर्ण रामायण साक्षी है,

पग पग पे संकट टारे है,

अंजनीसुत केसरीनंदन ने,

श्री राम के कारज सारे है ॥


इसको विधना का लेख कहूं,

या ईश्वर की लीला मानु,

है राम का नाम बड़ा जग में,

मैं तो केवल इतना जानु,

इसलिए ही तो कपिराज सदा,

श्री राम ही राम उचारे है,

सम्पूर्ण रामायण साक्षी है,

पग पग पे संकट टारे है,

अंजनीसुत केसरीनंदन ने,

श्री राम के कारज सारे है ॥


अंजनीसुत केसरी नंदन ने,

श्री राम के कारज सारे है,

सम्पूर्ण रामायण साक्षी है,

पग पग पे संकट टारे है,

अंजनीसुत केसरीनंदन ने,

श्री राम के कारज सारे है ॥

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वैशाख 2025 में चंद्र दर्शन कब है

हिंदू धर्म में चंद्र दर्शन का विशेष महत्व है। अमावस्या के बाद जब पहली बार आकाश में चंद्रमा दिखाई देता है, उसी दिन को चंद्र दर्शन कहा जाता है।

परशुराम चालीसा पाठ की विधि

हिन्दू पंचांग के अनुसार, परशुराम जयंती वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है। यह पर्व भगवान विष्णु के छठे अवतार परशुराम के जन्मदिवस के रूप में जाना जाता है।

परशुराम जयंती की पूजा विधि

विष्णु पुराण के अनुसार, भगवान परशुराम, भगवान विष्णु के छठे अवतार माने जाते हैं। उनका जन्म अक्षय तृतीया के दिन हुआ था, जिसे परशुराम जयंती के रूप में मनाया जाता है।

क्या भगवान परशुराम आज भी जीवित हैं

हिन्दू धर्म में भगवान परशुराम प्रमुख और चिरंजीवी यानि अमर देवताओं में से एक माने जाते हैं। उन्हें भगवान विष्णु का छठा अवतार कहा गया है, जिनका धर्म की रक्षा और अधर्म के नाश के लिए अवतार हुआ था।

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