अरज सुणो बनवारी सांवरियां म्हारी,
अरज सुणो बनवारी,
अरज सुनो गिरधारी सांवरिया म्हारी,
अरज सुनो गिरधारी ॥
श्वास श्वास मे थारे सुमीरु दाता,
भूलों मति बनवारी,
भुल गया तो रे,
लाज जावेगी,
हँसी होवेगी घणी थारी,
सांवरियां म्हारी अरज सुणो बनवारी ॥
माया नागणि कियो है कुन्डालो दाता,
ईण ते बेगी उबारो,
मोह माया ने रे,
जाल फसायो,
अब सुध लेवो बनवारी,
सांवरियां म्हारी अरज सुणो बनवारी ॥
मै मतिहीन हूँ कछु नही दाता,
आयो शरण तिहारि,
भवसागर में रे,
घणो दुख पायो,
अब की पार उतारो,
सांवरियां म्हारी अरज सुणो बनवारी ॥
आगे संत अनंत ऊबारया दाता,
अबकी बारी हमारी,
दास मलूक कहे रे,
भूली मति जाजौ,
म्हणे तो भरोसों बड़ो भारी,
सांवरियां म्हारी अरज सुणो बनवारी ॥
अरज सुणो बनवारी सांवरियां म्हारी,
अरज सुणो बनवारी,
अरज सुनो गिरधारी सांवरिया म्हारी,
अरज सुनो गिरधारी ॥
हनुमान जयंती हर साल चैत्र शुक्ल पूर्णिमा को मनाई जाती है। यह दिन भगवान हनुमान के जन्मोत्सव के रूप में श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है।
हर साल चैत्र मास की पूर्णिमा के दिन भगवान श्री राम के परम भक्त श्री हनुमान जी का जन्म दिवस मनाया जाता है, जिसे हनुमान जयंती कहते हैं।
हनुमान जयंती का पर्व भगवान हनुमान की शक्ति, भक्ति और सेवा का प्रतीक है। इस दिन देशभर में भव्य पूजा-अर्चना, झांकियों और धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
हिंदू धर्म में रामभक्त हनुमान का विशेष स्थान है। संकटमोचन हनुमान को प्रसन्न करने के लिए साल में दो बार हनुमान जयंती का पर्व मनाया जाता है। इस दिन भक्त हनुमान चालीसा, बजरंग बाण, सुंदरकांड और वैदिक मंत्रों का जाप करते हैं।