अयोध्यावासी राम (Ayodhya Wasi Ram)

अयोध्यावासी राम

दशरथ नंदन राम

जानकी जीवन राम

श्री राम राम, जय राम


अयोध्यावासी राम

दशरथ नंदन राम

जानकी जीवन राम

श्री राम राम, जय राम


अयोध्यावासी राम

दशरथ नंदन राम

जानकी जीवन राम

श्री राम राम, जय राम


अयोध्यावासी राम

दशरथ नंदन राम

जानकी जीवन राम

श्री राम राम, जय राम


दशरथ नंदन राम

दशमुख मरदान राम

पशुपति रंजन राम

पापा विमोचन राम


दशरथ नंदन राम

दशमुख मरदान राम

पशुपति रंजन राम

पापा विमोचन राम


दशरथ नंदन राम

दशमुख मरदान राम

पशुपति रंजन राम

पापा विमोचन राम


दशरथ नंदन राम

दशमुख मरदान राम

पशुपति रंजन राम

पापा विमोचन राम


मणिमय भूषण राम

मंजुल भाशन राम

रणजय लक्ष्मण राम

राक्षस शिक्षण राम


मणिमय भूषण राम

मंजुल भाशन राम

रणजय लक्ष्मण राम

राक्षस शिक्षण राम


मणिमय भूषण राम

मंजुल भाशन राम

रणजय लक्ष्मण राम

राक्षस शिक्षण राम


मणिमय भूषण राम

मंजुल भाशन राम

रणजय लक्ष्मण राम

राक्षस शिक्षण राम


अयोध्यावासी राम

दशरथ नंदन राम

जानकी जीवन राम

श्री राम राम, जय राम


दशरथ नंदन राम

दशमुख मरदान राम

पशुपति रंजन राम

पापा विमोचन राम


मणिमय भूषण राम

मंजुल भाशन राम

रणजय लक्ष्मण राम

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अयोध्यावासी राम

दशरथ नंदन राम

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श्री राम राम, जय राम


अयोध्यावासी राम

दशरथ नंदन राम

जानकी जीवन राम

श्री राम राम, जय राम


दशरथ नंदन राम

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अयोध्यावासी राम

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दशरथ नंदन राम

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मणिमय भूषण राम

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श्री राम राम, जय राम

श्री राम राम, जय राम

श्री राम राम, जय राम

श्री राम राम, जय राम

श्री राम राम, जय राम

श्री राम राम, जय राम

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कन्हैया मेरी लाज रखना: भजन (Kanhaiya Meri Laaj Rakhna)

एक तू ही मेरा जग बेगाना,
कन्हैया मेरी लाज रखना,

श्री महाकाली मैया की आरती

मंगल की सेवा, सुन मेरी देवा, हाथ जोड़ तेरे द्वार खड़े।
पान सुपारी, ध्वजा, नारियल, ले ज्वाला तेरी भेंट करे॥

चैत्र के साथ कार्तिक मास में भी मनाया जाता है हनुमान जन्मोत्सव, जानिए क्या है हनुमान के दो जन्मोत्सव मनाने का रहस्य

बल, बुद्धि और विद्या के देव माने जानें वाले हनुमान जी की जयंती भारतीय संस्कृति में महत्वपूर्ण जगह रखती है। यह पर्व उन भक्तों के लिए विशेष होता है जो जीवन में भक्ति, शक्ति और साहस को महत्व देते हैं।

काशी वाले, देवघर वाले, जय शम्भू (Bhajan: Kashi Wale Devghar Wale Jai Shambu)

काशी वाले देवघर वाले, भोले डमरू धारी।
खेल तेरे हैं निराले, शिव शंकर त्रिपुरारी।

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