बाल गोपाला, प्यारे मुरारी मोरे नन्द लाला (Baal Gopala, Pyare Murari More Nandlala)

बाल गोपाला, बाल गोपाला,

प्यारे मुरारी मोरे नन्द लाला ।

नन्द लाला, नन्द लाला,

नन्द लाला, मोरे नन्द लाला ।


नन्द लाला, नन्द लाला,

नन्द लाला, मोरे नन्द लाला ।

नन्द लाला, नन्द लाला,

नन्द लाला, मोरे नन्द लाला ।


कृष्ण गोविन्द गोविन्द गोपाला ।

कृष्ण गोविन्द गोविन्द गोपाला ।

कृष्ण गोविन्द गोविन्द गोपाला ।

मुरली मनोहर नंदलाला ।

मुरली मनोहर नंदलाला ।

मुरली मनोहर नंदलाला ।


नाराणयन नारायण जय जय गोविन्द हरे ।

नाराणयन नारायण जय जय गोपाल हरे ।


जय जय गोविन्द हरे, जय जय गोपाल हरे ।

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बेगा सा पधारो जी, सभा में म्हारे आओ गणराज (Bega Sa Padharo Ji Sabha Mein Mhare Aao Ganraj)

बेगा सा पधारो जी,
सभा में म्हारे आओ गणराज,

ब्रह्मन्! स्वराष्ट्र में हों, द्विज ब्रह्म तेजधारी (Brahman Swarastra Mein Hon)

वैदिक काल से राष्ट्र या देश के लिए गाई जाने वाली राष्ट्रोत्थान प्रार्थना है। इस काव्य को वैदिक राष्ट्रगान भी कहा जा सकता है। आज भी यह प्रार्थना भारत के विभिन्न गुरुकुलों व स्कूल मे गाई जाती है।

मैं परदेशी हूं, पहली बार आया हूं (Main Pardesi Hoon Pehli Baar Aaya Hoon)

हो मैं परदेशी हूं, पहली बार आया हूं।
मैं परदेशी हूं, पहली बार आया हूं।

अथ श्री देव्याः कवचम् (Ath Shree Devya Kavacham)

देव्याः कवचम् का अर्थात देवी कवच यानी रक्षा करने वाला ढाल होता है ये व्यक्ति के शरीर के चारों ओर एक प्रकार का आवरण बना देता है, जिससे नकारात्मक शक्तियों से रक्षा होती है।

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