Logo

बाबा तुम जो मिल गए - श्री श्याम (Baba Tum Jo Mil Gaye)

बाबा तुम जो मिल गए - श्री श्याम (Baba Tum Jo Mil Gaye)

वो नाव कैसे चले

जिसका कोई खेवनहार ना हो,

तेरा गुणगान कैसे करूँ

जहाँ पर तेरा दीदार ना हो 


बाबा तुम जो मिलगए,

फूलों जैसे खिल गए,

गर्दिशो के दिन मेरे,

जाने कब बदल गए,

शुक्राना तेरा मेरे सांवरे ।


बाबा तुम जो मिलगए,

फूलों जैसे खिल गए,

गर्दिशो के दिन मेरे,

जाने कब बदल गए,

शुक्राना तेरा मेरे सांवरे ।

उजड़ा था घर वो चमन हो गया,

चमका सितारा के गगन हो गया,

हाले दिल बतलाऊँ और क्या तुझे,

हाथ तेरा सर पे और क्या चाहिए मुझे,

झूमे नाचे दिल मेरा हो गया मगन ।


बाबा तुम जो मिल गए,

फूलों जैसे खिल गए,

गर्दिशो के दिन मेरे,

जाने कब बदल गए,

शुक्राना तेरा मेरे सांवरे ।

शुक्राना, शुक्राना, शुक्राना, शुक्राना..


तेरा दर सांवरे जो मिलता नहीं,

दर-दर मारा-मारा फिरता कहीं,

तन मन वारूं भी तो कम सांवरे,

खुशियां लुटाये तू गज़ब सांवरे,

लागि रहे तेरी बाबा दिल में लगन ।


बाबा तुम जो मिल गए,

फूलों जैसे खिल गए,

गर्दिशो के दिन मेरे,

जाने कब बदल गए,

शुक्राना तेरा मेरे सांवरे ।


चहरे से तेरे बाबा नूर टपके,

देखे जाएँ आँखें पलकें ना झपके,

जिसपे निगाहें बाबा कर देता तू,

उसके तो वारे-न्यारे कर देता तू,

जादूगर जादूगर तेरे ये नयन ।


बाबा तुम जो मिल गए,

फूलों जैसे खिल गए,

गर्दिशो के दिन मेरे,

जाने कब बदल गए,

शुक्राना तेरा मेरे सांवरे ।


हँसता ये गाता घर बार दे दिया,

फुवारियों सा परिवार दे दिया,

रोज़ सुबह शाम जय-जयकार तेरी हो,

लेहरी चाहे दिल से पुकार तेरी हो,

भावों से भरे हैं बाबा तेरे ये भजन ।



बाबा तुम जो मिल गए,

फूलों जैसे खिल गए,

गर्दिशो के दिन मेरे,

जाने कब बदल गए,

शुक्राना तेरा मेरे सांवरे ।

शुक्राना, शुक्राना, शुक्राना, शुक्राना..



........................................................................................................
चैती छठ की पूजा विधि

हिंदू धर्म में आस्था और सूर्य उपासना का सबसे बड़ा पर्व चैती छठ को माना जाता है। छठ पूजा साल में दो बार कार्तिक और चैत्र माह में मनाई जाती है। कार्तिक छठ की तुलना में चैती छठ को कम लोग मनाते हैं, लेकिन इसका धार्मिक महत्व भी उतना ही खास है।

संतान प्राप्ति के लिए छठ पर ये उपाय करें

छठ महापर्व साल में दो बार मनाया जाता है। एक चैत्र मास में और दूसरा शारदीय मास में। हिंदू धर्म में छठ महापर्व का विशेष महत्व है। छठ पूजा को त्योहार के तौर पर नहीं, बल्कि महापर्व के तौर पर मनाया जाता है।

7 April 2025 Panchang (7 अप्रैल 2025 का पंचांग)

आज 07 अप्रैल 2025 चैत्र माह का बाईसवां दिन है और आज इस पंचांग के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष तिथि दशमी है। आज सोमवार का दिन है। इस तिथि पर धृति योग रहेगा।

8 April 2025 Panchang (8 अप्रैल 2025 का पंचांग)

आज 08 अप्रैल 2025 चैत्र माह का तेईसवां दिन है और आज इस पंचांग के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष तिथि एकादशी है। आज मंगलवार का दिन है। इस तिथि पर शूल योग रहेगा।

यह भी जाने

संबंधित लेख

HomeAartiAartiTempleTempleKundliKundliPanchangPanchang