बड़ा नटखट है रे कृष्ण कन्हैया
का करे यशोदा मैय्या हाँ॥ बड़ा नटखट है रे...॥
ढूंढें री अखियाँ उसे चहू ओर
जाने कहाँ छुप गया नंदकिशोर॥ ढूंढें री अखियाँ...॥
उड़ गया जैसे पुरवय्या, का करे यशोदा मैय्या हाँ
॥ बड़ा नटखट है रे...॥
मेरे जीवन का तू एक ही सपना
जो कोई देखे तोहे समझे वो अपना॥ मेरे जीवन का तू...॥
सब का है प्यार बंसी बजय्या, का करे यशोदा मैय्या हाँ
॥ बड़ा नटखट है रे...॥
आ तोहे मैं गले से लगा लूं
लागे ना किसी की नज़र, मन में छूपा लूं॥ आ तोहे मैं...॥
धूप जगत है रे ममता है छैय्या, का करे यशोदा मैय्या हाँ
॥ बड़ा नटखट है रे...॥
जिस ओर नजर फेरूं दादी,
चहुँ ओर नजारा तेरा है,
जिसकी लागी लगन भोलेनाथ से,
वो डरता नहीं किसी बात से,
जिसकी लागी रे लगन भगवान में,
उसका दिया रे जलेगा तूफान में।
जिसके जीवन मैं मिला सत्संग हैं,
उसे हर घड़ी आनंद ही आनंद है ।