बड़ी देर भई, कब लोगे खबर मोरे राम (Badi Der Bhai Kab Loge Khabar More Ram)

बड़ी देर भई, बड़ी देर भई,

कब लोगे खबर मोरे राम,

बड़ी देर भई,


कहते हैं तुम हो दया के सागर,

फिर क्यूँ खाली मेरी गागर,

झूमें झुके कभी ना बरसे,

कैसे हो तुम घनश्याम ,

हे राम, हे राम

बड़ी देर भई, बड़ी देर भई,

॥ कब लोगे खबर...॥


सुनके जो बहरे बन जाओगे ,

आप ही छलिया कह लाओगे,

मेरी बात बने ना बने ,

हो जाओगे तुम बदनाम,

हे राम, हे राम

बड़ी देर भई, बड़ी देर भई,

॥ कब लोगे खबर...॥


चलते-चलते मेरे पग हारे,

आई जीवन की शाम ,

कब लोगे खबर मोरे राम,

हे राम, हे राम


बड़ी देर भई, बड़ी देर भई,

कब लोगे खबर मोरे राम,

बड़ी देर भई,


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मेरे ओ सांवरे, तूने क्या क्या नहीं किया (Mere O Sanware Tune Kya Kya Nahi Kiya)

मेरे ओ सांवरे,
तूने क्या क्या नहीं किया,

दिसंबर माह के व्रत, त्योहार

दिसंबर माह वर्ष का अंतिम महीना होने के साथ-साथ धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी बेहद महत्वपूर्ण है। इस महीने मार्गशीर्ष और पौष के कई व्रत और त्योहार मनाए जाएंगे।

द्वारे चलिए मैय्या के द्वारे चलिए

द्वारे चलिए, मैय्या के द्वारे चलिए
द्वारे चलिए, मैय्या के द्वारे चलिए

न मैं धान धरती न धन चाहता हूँ: कामना (Na Dhan Dharti Na Dhan Chahata Hun: Kamana)

न मैं धान धरती न धन चाहता हूँ ।
कृपा का तेरी एक कण चाहता हूँ ॥

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