बड़ी देर भई, कब लोगे खबर मोरे राम (Badi Der Bhai Kab Loge Khabar More Ram)

बड़ी देर भई, बड़ी देर भई,

कब लोगे खबर मोरे राम,

बड़ी देर भई,


कहते हैं तुम हो दया के सागर,

फिर क्यूँ खाली मेरी गागर,

झूमें झुके कभी ना बरसे,

कैसे हो तुम घनश्याम ,

हे राम, हे राम

बड़ी देर भई, बड़ी देर भई,

॥ कब लोगे खबर...॥


सुनके जो बहरे बन जाओगे ,

आप ही छलिया कह लाओगे,

मेरी बात बने ना बने ,

हो जाओगे तुम बदनाम,

हे राम, हे राम

बड़ी देर भई, बड़ी देर भई,

॥ कब लोगे खबर...॥


चलते-चलते मेरे पग हारे,

आई जीवन की शाम ,

कब लोगे खबर मोरे राम,

हे राम, हे राम


बड़ी देर भई, बड़ी देर भई,

कब लोगे खबर मोरे राम,

बड़ी देर भई,


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जो करते रहोगे भजन धीरे धीरे (Jo Karte Rahoge Bhajan Dhire Dhire)

जो करते रहोगे भजन धीरे धीरे ।
तो मिल जायेगा वो सजन धीरे धीरे ।

बिना लक्ष्मण के है जग सुना सुना (Bina Lakshman Ke Hai Jag Soona Soona)

लगी चोट रघुवर के तब ऐसी मन में,
रोके सुग्रीव से बोले जाओ,

काशी नगरी से, आए है शिव शम्भू - भजन (Kashi Nagri Se Aaye Hai Shiv Shambhu)

सुनके भक्तो की पुकार,
होके नंदी पे सवार,

सामा चकेवा का त्योहार

सामा चकेवा एक महत्वपूर्ण भारतीय त्योहार है। इसे विशेषकर उत्तर भारत में मनाया जाता है। यह पर्व भाई-बहनों के प्यार और संबंध को समर्पित है।

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