बजरंग बाला बड़ा हो मतवाला,
म्हे फेरा थारी माला,
लागो हो मनभावना,
आवो आवो नी,
बालाजी म्हारे आंगणा ॥
सालासर सु दास पधारो,
पूनरासर सु वीर जी,
मेहंदीपुर से घाटे वाला,
खेतोंलाव कपि धीर जी,
बेगा आओ संग में लावो,
सियाराम की जोड़ी,
धोक लगावा,
थारो पाट थरपावा,
चरणों में शीश नवावा,
लागो हो मनभावना,
आवो आवो नी,
बालाजी म्हारे आंगणा ॥
गंगाजल रो कलश भरियो है,
आप पियौ म्हारा बालाजी,
तेल थारे चमेली रो लायो,
आप लगाओ म्हारा बालाजी,
लाल लंगोटा हाथ में घोटा,
रूप बनाज्यो छोटा,
भगत गावे महिमा सुनावे,
चरणों में शीश झुकावे,
लागो हो मनभावना,
आवो आवो नी,
बालाजी म्हारे आंगणा ॥
खीर चूरमा रो भोग बनायो,
थे जिमो म्हारा बालाजी,
पानी नये कुए रो मंगायों,
आप पियो म्हारा बालाजी,
प्रेम पुजारी बाबे म्हारी,
किस्मत ने सवारी,
महिमा गांवा घणा सुख पावा,
चरणों में शीश नवावा,
लागो हो मनभावना,
आवो आवो नी,
बालाजी म्हारे आंगणा ॥
बजरंग बाला बड़ा हो मतवाला,
म्हे फेरा थारी माला,
लागो हो मनभावना,
आवो आवो नी,
बालाजी म्हारे आंगणा ॥
आसरा इस जहाँ का मिले न मिले,
मुझे तेरा सहारा सदा चाहिए ॥
मुझे तूने मालिक,
बहुत कुछ दिया है ।
मुझको नवल उत्थान दो ।
माँ सरस्वती! वरदान दो ॥
साल के आखिरी माह यानी दिसंबर की शुरुआत हो चुकी है, और यह माह कई पवित्र व्रत-त्योहारों से भरा है। इनमें विवाह पंचमी का विशेष महत्व है, जो भगवान श्रीराम और माता सीता के विवाह की स्मृति में मनाई जाती है। हिंदू धर्म में राम-सीता की जोड़ी को आदर्श दांपत्य जीवन का प्रतीक माना गया है।