बजरंगी बलशाली,
तेरा पार ना कोई पाए,
लक्ष्मण को लगी शक्ति,
लक्ष्मण को लगी शक्ति,
संजीवनी ले आए,
बजरँगी बलशाली,
तेरा पार ना कोई पाए ॥
श्री राम की सेना में,
जब शोक लहर दौड़ी,
तब वैद्य शुषेण को तुम,
तब वैद्य शुषेण को तुम,
लंका से बुला लाए,
बजरँगी बलशाली,
तेरा पार ना कोई पाए ॥
सभा बीच विभीषण ने,
जब तुमको ललकारा,
तब फाड़ दिया सीना,
तब फाड़ दिया सीना,
सियाराम दिखलाए,
बजरँगी बलशाली,
तेरा पार ना कोई पाए ॥
सिता की खोज करी,
लंका को जला डाला,
बलबुद्धि का परिचय,
बलबुद्धि का परिचय,
तुम सब को बतलाए,
बजरँगी बलशाली,
तेरा पार ना कोई पाए ॥
बजरंगी बलशाली,
तेरा पार ना कोई पाए,
लक्ष्मण को लगी शक्ति,
लक्ष्मण को लगी शक्ति,
संजीवनी ले आए,
बजरँगी बलशाली,
तेरा पार ना कोई पाए ॥
प्रथम पुष्पांजली मंत्र
ॐ जयन्ती, मङ्गला, काली, भद्रकाली, कपालिनी ।
दुर्गा, शिवा, क्षमा, धात्री, स्वाहा, स्वधा नमोऽस्तु ते॥
एष सचन्दन गन्ध पुष्प बिल्व पत्राञ्जली ॐ ह्रीं दुर्गायै नमः॥
Pratham Puspanjali Mantra
om jayanti, mangla, kali, bhadrakali, kapalini .
durga, shiva, kshama, dhatri, svahaa, svadha namo̕stu te॥
esh sachandan gandh pusp bilva patranjali om hrim durgaye namah॥
॥ श्रीशिवपञ्चाक्षरस्तोत्रम् ॥
नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय,
भस्माङ्गरागाय महेश्वराय ।
नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय,
तस्मै न काराय नमः शिवाय ॥१॥
॥ Shrishivpanchaksharastotram ॥
nagendraharay trilochanay,
bhasmangaragay maheshvaray .
nityay shuddhay digambaray,
tasmai na karay namah shivay .1.
॥ श्रीरुद्राष्टकम् ॥
नमामीशमीशान निर्वाणरूपं
विभुं व्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपम् ।
निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं
चिदाकाशमाकाशवासं भजेऽहम् ॥ १॥
॥ Shrirudrashtakam ॥
namaamishmishan nirvanarupam
vibhum vyapakam bramvedasvarupam .
nijam nirgunam nirvikalpam niriham
chidakashamakashavasam bhaje̕ham . 1.
मैं बालक तू माता शेरां वालिए,
है अटूट यह नाता शेरां वालिए ।
शेरां वालिए माँ, पहाड़ा वालिए माँ,
मेहरा वालिये माँ, ज्योतां वालिये माँ ॥
॥ मैं बालक तू माता शेरां वालिए...॥