राधिका गोरी से बिरज की छोरी से,
मैया करादे मेरो ब्याह
उम्र तेरी छोटी है, नज़र तेरी खोटी है,
कैसे करादू तेरो ब्याह
जो नहीं ब्याह कराये, तेरी गैया नहीं चराऊ
आज के बाद मेरी मैया तेरी देहली पर न आऊँ
आएगा रे मज़्ज़ा रे मज़्ज़ा अब जीत हार का
॥ राधिका गोरी से बिरज की छोरी से...॥
चन्दन की चौकी पर मैया तुझको बिठाऊँ
अपनी राधा से मैं चरण तेरे दबवाऊं
भोजन मैं बनवाऊंगा बनवाऊंगा, छप्पन प्रकार के
॥ राधिका गोरी से बिरज की छोरी से...॥
छोटी सी दुल्हनिया जब अंगना में डोलेगी
तेरे सामने मैया वो घूँघट न खोलेगी
दाऊ से जा कहो जा कहो बैठेंगे द्वार पे
॥ राधिका गोरी से बिरज की छोरी से...॥
सुन बातें कान्हा की मैया बैठी मुस्काएं
लेके बलैयां मैया हिवडे से अपने लगाये
नज़र कहीं लग जाये न लग जाये न मेरे लाल को
॥ राधिका गोरी से बिरज की छोरी से...॥
राधिका गोरी से बिराज की छोरी से
कान्हा कारादू तेरो बियाह
साल 2025 आ चुका है और इंतजार की घड़ियां अब खत्म होने वाली हैं, क्योंकि महाकुंभ मेला 2025 का आयोजन कुछ ही दिनों में शुरू होने वाला है। यह धार्मिक उत्सव 12 साल बाद एक बार फिर प्रयागराज में होगा, जहां देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु पहुंचने की उम्मीद है।
जनवरी से कुंभ स्नान और मेला शुरू होने जा रहा है, खास बात यह है कि यह 'महाकुंभ' है, जिसका मुहूर्त 144 साल बाद आ रहा है। अनुमान है कि इस विशाल आयोजन में करीब 40 करोड़ श्रद्धालु शामिल होंगे।
महाकुंभ की शुरुआत में अब कुछ ही समय बाकी है, और इसमें शाही स्नान का महत्व अत्यधिक है। 12 साल में एक बार होने वाला यह महाकुंभ, न केवल शरीर की शुद्धि के लिए बल्कि आत्मिक उन्नति के लिए भी एक खास अवसर है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, शाही स्नान से व्यक्ति के सभी पाप और कष्ट नष्ट हो जाते हैं, और देवी-देवता भी इस समय धरती पर आते हैं।
कुंभ के दिव्य स्नान और आध्यात्मिक अनुष्ठानों के लिए श्रद्धालुओं की धड़कनें बढ़ चुकी हैं। ट्रेन, बस और होटलों की बुकिंग में भी बेतहाशा रफ्तार आई है, क्योंकि लाखों लोग इस ऐतिहासिक मौके का हिस्सा बनने के लिए तैयार हैं।