बालाजी के भक्तों सुनलो,
बाबा का गुण गाया करो,
श्रद्धा और विश्वास प्रेम से,
उनकी ज्योत जगाया करो ॥
पवन देव के लाल और माँ,
अंजनी सुत का ध्यान धरो,
दुःख और कष्ट सताए जब जब,
याद उन्हें बस किया करो,
सुन्दरकाण्ड का वर्णन उनकी,
महिमा रोज सुनाया करो,
श्रद्धा और विश्वास प्रेम से,
उनकी ज्योत जगाया करो ॥
दिन मंगल का जब भी आए,
बाबा का उपवास करो,
लाल लंगोटा सिंदूर चढ़ाकर,
चालीसा का पाठ करो,
देसी घी के साथ चूरमा,
उनको भोग लगाया करो,
श्रद्धा और विश्वास प्रेम से,
उनकी ज्योत जगाया करो ॥
चरण पकड़ लिए हनुमत के जब,
राम जी कैसे भागेंगे,
राम की जब अनुकम्पा होगी,
सोए भाग्य भी जागेंगे,
स्वामी सेवक के रिश्ते का,
कुछ तो लाभ उठाया करो,
श्रद्धा और विश्वास प्रेम से,
उनकी ज्योत जगाया करो ॥
बड़े दयालु बाला मेरे,
लोग ये सारे कहते है,
भरे हुए भंडारों से वो,
झोलियाँ भरते रहते है,
जीवन मोड़ लिखे तो ‘बबली’,
बड़े प्रेम से गाया करो,
श्रद्धा और विश्वास प्रेम से,
उनकी ज्योत जगाया करो ॥
बालाजी के भक्तों सुनलो,
बाबा का गुण गाया करो,
श्रद्धा और विश्वास प्रेम से,
उनकी ज्योत जगाया करो ॥
हिंदू कैलेंडर के हिसाब से विवाह पंचमी का पर्व मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के दिन मनाई जाती है। इस दिन प्रभु श्रीराम और माता सीता की विधिवत रूप से पूजा-अर्चना करने का विधान है। वहीं इस साल विवाह पंचमी 06 दिसंबर शुक्रवार के दिन मनाई जाएगी।
सनातन धर्म में विवाह पंचमी का दिन सबसे पवित्र माना गया है। क्योंकि यह वही दिन है, जब माता सीता और प्रभु श्री राम शादी के बंधन में बंधे थे। पंचांग के अनुसार, विवाह पंचमी का त्योहार हर साल मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के दिन मनाई जाती है।
मनमोहन तुझे रिझाऊं,
तुझे नित नए लाड़ लड़ाऊं,
मन धीर धरो घबराओ नहीं,
श्री राम मिलेंगे कहीं ना कहीं,