बालाजी के भक्तों सुनलो,
बाबा का गुण गाया करो,
श्रद्धा और विश्वास प्रेम से,
उनकी ज्योत जगाया करो ॥
पवन देव के लाल और माँ,
अंजनी सुत का ध्यान धरो,
दुःख और कष्ट सताए जब जब,
याद उन्हें बस किया करो,
सुन्दरकाण्ड का वर्णन उनकी,
महिमा रोज सुनाया करो,
श्रद्धा और विश्वास प्रेम से,
उनकी ज्योत जगाया करो ॥
दिन मंगल का जब भी आए,
बाबा का उपवास करो,
लाल लंगोटा सिंदूर चढ़ाकर,
चालीसा का पाठ करो,
देसी घी के साथ चूरमा,
उनको भोग लगाया करो,
श्रद्धा और विश्वास प्रेम से,
उनकी ज्योत जगाया करो ॥
चरण पकड़ लिए हनुमत के जब,
राम जी कैसे भागेंगे,
राम की जब अनुकम्पा होगी,
सोए भाग्य भी जागेंगे,
स्वामी सेवक के रिश्ते का,
कुछ तो लाभ उठाया करो,
श्रद्धा और विश्वास प्रेम से,
उनकी ज्योत जगाया करो ॥
बड़े दयालु बाला मेरे,
लोग ये सारे कहते है,
भरे हुए भंडारों से वो,
झोलियाँ भरते रहते है,
जीवन मोड़ लिखे तो ‘बबली’,
बड़े प्रेम से गाया करो,
श्रद्धा और विश्वास प्रेम से,
उनकी ज्योत जगाया करो ॥
बालाजी के भक्तों सुनलो,
बाबा का गुण गाया करो,
श्रद्धा और विश्वास प्रेम से,
उनकी ज्योत जगाया करो ॥
ना चलाओ बाण,
व्यंग के ऐ विभिषण,
जय सिया राम
हे ! हे !..
हिंदू धर्म में दर्श अमावस्या एक महत्वपूर्ण दिन माना जाता है। इस दिन खान-पान से जुड़े कुछ खास उपाय किए जाते हैं। धार्मिक मान्यता है कि ऐसा करने से पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
पौष मास हिंदू पंचांग का दसवां महीना है और इसे धार्मिक दृष्टि से अत्यंत शुभ और महत्वपूर्ण माना गया है। यह महीना 13 जनवरी तक रहेगा, जिसके बाद माघ महीने की शुरुआत होगी।