बालाजी की दुनिया दीवानी,
सब ही जाने इनकी कहानी,
करता सभी को खुशहाल,
राम गुण गा गा के,
करता सभी को खुशहाल,
राम गुण गा गा के ॥
राम ही जाने इसकी माया,
ऐसा है ये अंजनी जाया,
करता बड़े ही कमाल,
राम गुण गा गा के,
राम गुण गा गा के,
राम गुण गा गा के,
करता सभी को खुशहाल,
राम गुण गा गा के ॥
खुशियां सबको बाँट रहा है,
सबके दुखड़े काट रहा है,
कर दे सभी को निहाल,
राम गुण गा गा के,
राम गुण गा गा के,
राम गुण गा गा के,
करता सभी को खुशहाल,
राम गुण गा गा के ॥
युगो युगो से शोर है इसका,
अला बला पे जोर है इसका,
पकडे ये जंजाल,
राम गुण गा गा के,
राम गुण गा गा के,
राम गुण गा गा के,
करता सभी को खुशहाल,
राम गुण गा गा के ॥
मन मंदिर में इन्हे बसालो,
सच्ची इनकी ज्योत जगा लो,
करेगा ये तो मालामाल,
राम गुण गा गा के,
राम गुण गा गा के,
राम गुण गा गा के,
करता सभी को खुशहाल,
राम गुण गा गा के ॥
बालाजी की दुनिया दीवानी,
सब ही जाने इनकी कहानी,
करता सभी को खुशहाल,
राम गुण गा गा के,
करता सभी को खुशहाल,
राम गुण गा गा के ॥
महाकुंभ हिंदू धर्म के सबसे बड़े समागमों में से एक है। 13 फरवरी से प्रयागराज में इसकी शुरुआत होने जा रही है। ये 45 दिनों तक चलेगा और 26 फरवरी को शिवरात्रि के मौके पर खत्म होगा।
अखाड़ों को महाकुंभ की शान माना जाता है। इनके बिना कुंभ अधूरा है। आम तौर पर अखाड़ों में पुरुष और महिला संत होते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि किन्नरों का एक अपना अखाड़ा है। जी हां 2015 में किन्नर अखाड़े की स्थापना हुई थी।
अखाड़े सनातन धर्म में साधु संतों का बड़ा केंद्र है। यही से साधु संत अपनी दीक्षा पूरी कर संन्यास धारण करते हैं। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने 13 अखाड़ों को मान्यता दे रखी है। यह 13 अखाड़े भी 3 संप्रदाय में बंटे हुए हैं।
प्रयागराज में अब जल्द ही महाकुंभ आरंभ होने जा रहा है और अभी से ही लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी है। इस पवित्र नगरी में भक्ति का रंग चरम पर देखने को मिल रहा है। इसी बीच, भक्त वत्सल संस्था एक अद्भुत कार्य कर रही है।