बालाजी म्हारा कष्ट निवारो जी,
दुखड़ा का मारया हाँ,
म्हणे आन उबारो जी ॥
बालाजी प्रभु राम जी का प्यारा जी,
म्हारी विनती सुन लीजो,
बाबा थाने पुकारा जी ॥
लंका में जाकर आग लगाई जी,
सागर में जाकर के,
बाबा पूंछ बुझाई जी ॥
थाने रामनाम की धुन अच्छी लागे जी,
सूती किस्मत बाबा,
थारे नाम से जागे जी ॥
दुखड़ा में बाबो दोड़्यो ही आवे जी,
हम सब पर मेहर करो,
थारी महिमा गावा जी ॥
बालाजी म्हारा कष्ट निवारो जी,
दुखड़ा का मारया हाँ,
म्हणे आन उबारो जी ॥
भगवान विष्णु ने रामावतार लेकर जगत को मर्यादा सिखाई और वे मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाए। वहीं कृष्णावतार में भगवान ने ज्यादातर मौकों पर मर्यादा के विरुद्ध जाकर अपने अधिकारों की रक्षा और सच को सच कहने साहस हम सभी को दिखाया।
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