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बालाजी तुम्हारे चरणों में,
मैं तुम्हे रिझाने आया हूँ ॥
प्रभु का चरणामृत लेने को,
है पास मेरे कोई पात्र नहीं,
प्रभु का चरणामृत लेने को,
है पास मेरे कोई पात्र नहीं,
आँखों के दोनों प्यालों से,
कुछ भीख मांगने आया हूँ,
बाला जी तुम्हारे चरणो में,
मैं तुम्हे रिझाने आया हूँ ॥
तुमसे लेकर क्या भेंट धरूँ,
बालाजी तुम्हारे चरणो में,
तुमसे लेकर क्या भेंट धरूँ,
बालाजी तुम्हारे चरणो में,
मैं सेवक हूँ तुम दाता हो,
संबंध बताने आया हूँ,
बाला जी तुम्हारे चरणो में,
मैं तुम्हे रिझाने आया हूँ ॥
सेवा की कोई वस्तु नहीं,
फिर भी मेरा साहस देखो,
सेवा की कोई वस्तु नहीं,
फिर भी मेरा साहस देखो,
रो रो कर आज आंसुओ का,
मैं हार चढाने आया हूँ,
बाला जी तुम्हारे चरणो में,
मैं तुम्हे रिझाने आया हूँ ॥
बालाजी तुम्हारे चरणों में,
मैं तुम्हे रिझाने आया हूँ ॥
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