बम बाज रही भोले की,
चारों दिशाएं,
बम बाज रही ॥
अरे कौना ने बो दए धतूरा,
अरे कौना ने बो दई भंगिया,
बम बाज रहीं भोले की,
चारों दिशाएं,
बम बाज रही ॥
मोरे भोला ने बो दए धतूरा,
गौरा रानी ने बो दई भंगिया,
बम बाज रहीं भोले की,
चारों दिशाएं,
बम बाज रही ॥
अरे कौना ने सींचे धतूरा,
अरे कौना ने सींच दई भंगिया,
बम बाज रहीं भोले की,
चारों दिशाएं,
बम बाज रही ॥
मोरे भोला ने सींचे धतूरा,
गौरा रानी ने सींच दई भंगिया,
बम बाज रहीं भोले की,
चारों दिशाएं,
बम बाज रही ॥
अरे कौना ने खा लई धतूरा,
कौना ने पी लई भंगिया,
बम बाज रहीं भोले की,
चारों दिशाएं,
बम बाज रही ॥
अरे नंदी ने खा लई धतूरा,
मोरे भोले ने पि लई भंगिया,
बम बाज रहीं भोले की,
चारों दिशाएं,
बम बाज रही ॥
बम बाज रही भोले की,
चारों दिशाएं,
बम बाज रही ॥
2025 में शुक्र ग्रह एक निश्चित अवधि के बाद राशि परिवर्तन करेंगे। इसका प्रभाव 12 राशियों के जीवन में किसी न किसी प्रकार से अवश्य पड़ेगा। दैत्यों के गुरु शुक्र को प्रेम-आकर्षण, कामना, सुख-समृद्धि, धन-वैभव का कारक ग्रह माना जाता है।
शनिदेव 29 मार्च 2025 को देर रात 11 बजकर 01 मिनट पर कुंभ राशि से निकलकर मीन राशि में गोचर करेंगे। इस राशि में शनिदेव ढाई साल तक रहेंगे।
राहु को छाया ग्रह माना जाता है। राहु अपने सहचर के अनुसार फल प्रदान करता है। यानी अगर राहु शुभ ग्रह अथवा राशि में है तो वह अच्छे परिणाम देगा। परंतु अगर वह अशुभ ग्रह के साथ है तो वह अशुभ परिणाम देगा।
केतु फिलहाल कन्या राशि में हैं। नए साल यानी 2025 में केतू पीछे हटकर सिंह राशि में पहुंच जाएंगे। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, केतु एक छाया ग्रह है और यह हमेशा विपरीत यानी उल्टी चाल में चलते हैं।