बम बाज रही भोले की,
चारों दिशाएं,
बम बाज रही ॥
अरे कौना ने बो दए धतूरा,
अरे कौना ने बो दई भंगिया,
बम बाज रहीं भोले की,
चारों दिशाएं,
बम बाज रही ॥
मोरे भोला ने बो दए धतूरा,
गौरा रानी ने बो दई भंगिया,
बम बाज रहीं भोले की,
चारों दिशाएं,
बम बाज रही ॥
अरे कौना ने सींचे धतूरा,
अरे कौना ने सींच दई भंगिया,
बम बाज रहीं भोले की,
चारों दिशाएं,
बम बाज रही ॥
मोरे भोला ने सींचे धतूरा,
गौरा रानी ने सींच दई भंगिया,
बम बाज रहीं भोले की,
चारों दिशाएं,
बम बाज रही ॥
अरे कौना ने खा लई धतूरा,
कौना ने पी लई भंगिया,
बम बाज रहीं भोले की,
चारों दिशाएं,
बम बाज रही ॥
अरे नंदी ने खा लई धतूरा,
मोरे भोले ने पि लई भंगिया,
बम बाज रहीं भोले की,
चारों दिशाएं,
बम बाज रही ॥
बम बाज रही भोले की,
चारों दिशाएं,
बम बाज रही ॥
सात्विक मंत्र साधना में शुद्धि, शांति, और उन्नति का विशेष महत्व है। इसका उद्देश्य भौतिक इच्छाओं से मुक्त होकर ईश्वर की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करना है।
हो के नाचूं अब दिवाना,
मैं प्रभु श्रीराम का,
है सुखी मेरा परिवार,
माँ तेरे कारण,
शाबर मंत्र भारत की प्राचीन तांत्रिक परंपरा का हिस्सा हैं। ये अपनी सहजता और प्रभावशीलता के लिए प्रसिद्ध है। इन मंत्रों का उपयोग व्यक्ति के भौतिक, मानसिक और आध्यात्मिक समस्याओं का समाधान करने के लिए किया जाता है।