बना दे बिगड़ी बात,
मेरे खाटू वाले श्याम,
तेरे सिवा मेरा कोई नहीं है,
मेरे लखदातार,
बना दे बिगडी बात,
मेरे खाटू वाले श्याम ॥
तुम ही ना सुनोगे,
तो मेरी कौन सुनेगा,
मेरे कष्टों को बाबा,
अब कौन हारेगा,
तुम्ही पर है विश्वास,
मेरे खाटू वाले श्याम,
तेरे सिवा मेरा कोई नहीं है,
मेरे लखदातार,
बना दे बिगडी बात,
मेरे खाटू वाले श्याम ॥
मुझ पर विपदा बाबा,
ऐसी आन पड़ी है,
भव सागर के बीच में,
मेरी नाव खड़ी है,
अब कर दो इसको पार,
मेरे खाटू वाले श्याम,
तेरे सिवा मेरा कोई नहीं है,
मेरे लखदातार,
बना दे बिगडी बात,
मेरे खाटू वाले श्याम ॥
तेरी चौखट से बाबा,
कहीं और ना जाऊं,
जब तक रहेगी सांस,
मैं तेरे दर्शन पाऊं,
‘मोहित’ का कर उद्धार,
मेरे खाटू वाले श्याम,
तेरे सिवा मेरा कोई नहीं है,
मेरे लखदातार,
बना दे बिगडी बात,
मेरे खाटू वाले श्याम ॥
बना दे बिगड़ी बात,
मेरे खाटू वाले श्याम,
तेरे सिवा मेरा कोई नहीं है,
मेरे लखदातार,
बना दे बिगडी बात,
मेरे खाटू वाले श्याम ॥
धान्य लक्ष्मी, मां लक्ष्मी का तीसरा रूप हैं जिसे मां अन्नपूर्णा के रूप में भी पूजा गया है। धान्य का अर्थ है अनाज या अन्न। ऐसे में लक्ष्मी इस स्वरूप में अन्न या अनाज के रूप में वास करती हैं।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार अष्ट लक्ष्मी में वीर लक्ष्मी वीरता और साहस की देवी हैं। जो दुश्मनों पर विजय दिलाने में सहायक हैं। वीर लक्ष्मी की प्रचलित पौराणिक कथा महाभारत काल से जुड़ी हुई है।
भारतीय सनातन संस्कृति में आरंभ से ही स्त्री को पूज्य व जननी माना गया है। स्त्री धन-धान्य, समृद्धि, विद्या, बुद्धि और शक्ति के स्वरूप में हमारे शास्त्रों में भी विद्यमान हैं।
विश्व के प्राचीन हिंदू मंदिरों में से एक मंदिर कंबोडिया में भी स्थित है। इसका नाम अंकोरवाट मंदिर है। इस मंदिर का पुराना नाम यशोदापुर था।