तेरी दया तेरा साया,
सदा रहता मुझ पर,
बनाएगा मेरी बिगड़ी,
मेरा भोला शंकर,
मेरा भोला शंकर ॥
है जबसे पाया मैंने,
मेरे भोले बाबा को,
ना चाहा कुछ भी,
सभी सौप दिया बाबा को,
मेरा भोला है शम्भु,
दीन है दयालु है,
है दीनानाथ शम्भु,
बहुत ही कृपालु है,
वो तो भर देता है,
सबकी ही झोली पल भर में,
ना जाने देता कभी,
ख़ाली हाथ दर पर से,
है मिल गया मुझे,
सब कुछ तेरे दर पे आकर,
बनायेगा मेरी बिगड़ी,
मेरा भोला शंकर,
मेरा भोला शंकर ॥
शरण में आपकी,
बाबा ये मेरा जीवन है,
है कृपा आपकी,
जिससे ये मेरा जीवन है,
करु सदा तेरी भक्ति,
यही अरदास मेरी,
नहीं किसी और से,
बस तुझसे ही है आस मेरी,
है भोलेनाथ शम्भु,
दीन पर नज़र कर दो,
है कठिन राह प्रभु,
मुझपे भी मेहर कर दो,
सफल हुआ है ये जीवन,
तेरी शरण आकर,
बनायेगा मेरी बिगड़ी,
मेरा भोला शंकर,
मेरा भोला शंकर ॥
तेरी दया तेरा साया,
सदा रहता मुझ पर,
बनाएगा मेरी बिगड़ी,
मेरा भोला शंकर,
मेरा भोला शंकर ॥
सनातन धर्म में भाद्रपद माह को सभी माह में विशेष माना जाता है। इस माह को भगवान कृष्ण के जन्म से जोड़ा गया है। पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर कन्हैया का जन्मोत्सव मनाया जाता है।
सनातन हिंदू धर्म में, यशोदा जयंती का दिन विशेष महत्व रखता है। इस दिन व्रत के साथ माता यशोदा और भगवान श्री कृष्ण के पूजन का भी विधान है। इस पर्व पर शुद्ध भाव से पूजा-पाठ, व्रत और सेवा करने से माता यशोदा और भगवान कृष्ण की कृपा प्राप्त होती है।
हिंदू धर्म में यशोदा जयंती बहुत ही पावन मानी गई है। इस दिन को भगवान श्री कृष्ण की मां यशोदा के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। भगवान श्री कृष्ण ने माता देवकी के गर्भ से जन्म लिया था।
सनातन हिंदू धर्म में, यशोदा जयंती, माता यशोदा के जन्मदिन के रूप में मनाई जाती है। माता यशोदा को भगवान श्रीकृष्ण की माता के रूप में माना जाता है।