बांके बिहारी हमें भूल ना जाना (Banke Bihari Hame Bhul Na Jana)

बांके बिहारी हमें भूल ना जाना,

जल्दी जल्दी वृन्दावन,

हमको बुलाना,

बांके बिहारी हमे भूल ना जाना ॥


जपते रहे हम नाम तुम्हारा,

छूटे कभी ना हमसे वृन्दावन प्यारा,

होता रहे तेरे दर पे आना जाना,

बांके बिहारी हमे भूल ना जाना ॥


भक्ति की ऐसी लगन लगा दो,

संतो की सेवा का भाव जगा दो,

हर वर्ष उत्सव अपना यूँ ही मनवाना,

बांके बिहारी हमे भूल ना जाना ॥


कथा कीर्तन से होता जीवन पवित्र,

साधन बताते यही ‘चित्र विचित्र’,

यूँ ही लुटाना अपनी किरपा का खजाना,

बांके बिहारी हमे भूल ना जाना ॥


बांके बिहारी हमें भूल ना जाना,

जल्दी जल्दी वृन्दावन,

हमको बुलाना,

बांके बिहारी हमे भूल ना जाना ॥


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सुंदरकांड के नाम के पीछे का कारण

गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा रचित रामचरितमानस के सुन्दरकाण्ड में श्री हनुमान जी की भक्ति, शक्ति, साहस, सेवा और समर्पण की अनुपम कथा का वर्णन किया गया है।

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दर्शन की प्यासी नजरिया,
मैया लीजे खबरिया ॥

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