बांके बिहारी रे दूर करो दुख मेरा,
दूर करो दुख मेरा, बिहारी जी,
श्री बांके बिहारी रे दूर करो दुख मेरा ॥
सुना है जो तेरे दर पे आए,
उसके सब दुखड़े मिट जाए,
आया शरण तिहारी रे,
आया शरण तिहारी रे,
अब दूर करो दुख मेरा,
श्री बांके बिहारी रे दूर करो दुख मेरा ॥
जनम जनम का मैं हूँ भटका ,
बेड़ा आज भवर में अटका,
पार करो बनवारी रे,
अब दूर करो दुख मेरा,
श्री बांके बिहारी रे दूर करो दुख मेरा ॥
शबरी अहिल्या गणिका नारी,
सब ही तुमने पार उतारी,
आयी मेरी बारी रे,
अब दूर करो दुख मेरा,
श्री बांके बिहारी रे दूर करो दुख मेरा ॥
मोर मुकुट पीताम्बर धारी,
संग में हो श्री राधा प्यारी,
मेरे गिरवर धारी रे,
अब दूर करो दुख मेरा,
श्री बांके बिहारी रे दूर करो दुख मेरा ॥
बांके बिहारी रे दूर करो दुख मेरा,
दूर करो दुख मेरा, बिहारी जी,
श्री बांके बिहारी रे दूर करो दुख मेरा ॥
मां ललिता, जिन्हें त्रिपुर सुंदरी भी कहा जाता है, हिंदू धर्म की प्रमुख देवियों में से एक हैं। वे शक्ति की अधिष्ठात्री देवी हैं और ब्रह्मांड की सर्वोच्च शक्ति का प्रतिनिधित्व करती हैं।
मां चंडी जो विशेष रूप से शक्ति, दुर्गा और पार्वती के रूप में पूजी जाती हैं। उनका रूप रौद्र और उग्र होता है, और वे शत्रुओं का नाश करने वाली, बुराई का विनाश करने वाली और संसार को शांति देने वाली देवी के रूप में पूजा जाती हैं।
मां काली को शक्ति, विनाश और परिवर्तन की प्रतीक हैं। उन्हें दुर्गा का एक रूप माना जाता है और वे दस महाविद्याओं में से एक हैं। मां काली का रूप उग्र और भयानक है, लेकिन वे अपने भक्तों के लिए सुरक्षा प्रदान करती हैं।
मत्स्य अवतार भगवान विष्णु के दस अवतारों में से प्रथम है। मत्स्य का अर्थ है मछली। इस अवतार में भगवान विष्णु ने मछली के रूप में आकर पृथ्वी को प्रलय से बचाया था।