बंसी बजाय गयो श्याम (Bansi Bajaye Gayo Shyam)

बंसी बजाय गयो श्याम,

मोसे नैना मिलाय के,

दिल मई समाय गयो श्याम,

मोसे नैना मिलाय के,

बंसी बजाए गयो श्याम,

मोसे नैना मिलाय के।


मथुरा से वृंदावन आयो,

निर्दयी छलिया चैन चुरायो,

निंदिया उड़ाय गयो श्याम,

मोसे नैना मिलाय के,

बंसी बजाए गयो श्याम,

मोसे नैना मिलाय के ।


जादूकर गई उसकी ये अखियाँ,

रस्ता रोका मोरी पकड़ी बहिया,

मटकी गिराय गयो श्याम,

मोसे नैना मिलाय के,

बंसी बजाए गयो श्याम,

मोसे नैना मिलाय के ।


लूटा मोर मुकुट की छटा ने,

उनके शोकि इंद्र घटा ने

तीर चलाए गयो श्याम,

मोसे नैना मिलाय के,

बंसी बजाए गयो श्याम,

मोसे नैना मिलाय के ।


श्याम नाम की ओढ़ी चुनरिया,

श्याम की चूड़ी श्याम की बिंदिया,

रास रचाए गयो श्याम,

मोसे नैना मिलाय के,

बंसी बजाए गयो श्याम,

मोसे नैना मिलाय के ।


बंसी बजाय गयो श्याम,

मोसे नैना मिलाय के,

दिल मई समाय गयो श्याम,

मोसे नैना मिलाय के,

बंसी बजाए गयो श्याम,

मोसे नैना मिलाय के ।

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भक्तो के घर कभी आओ माँ (Bhakton Ke Ghar Kabhi Aao Ma)

भक्तो के घर कभी आओ माँ,
आओ माँ आओ माँ आओ माँ,

गौरी के पुत्र गणेंश जी, मेरे घर में पधारो (Gauri Ke Putra Ganesh Ji Mere Ghar Mein Padharo)

गौरी के पुत्र गणेश जी,
मेरे घर में पधारो ॥

जन्मे अवध रघुरइया हो (Janme Awadh Raghuraiya Ho)

जन्मे अवध रघुरइया हो, सब मंगल मनावो
रूप मे अनूप चारो भइया हो,

मार्गशीर्ष माह में कब-कब पड़ेंगे प्रदोष व्रत?

हर माह की कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। यह व्रत पूर्ण रूप से भगवान शिव और मां पार्वती को समर्पित है।

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