बंसी वाले के चरणों में, सर हो मेरा,
फिर ना पूछो, कि उस वक्त क्या बात है ।
उनके द्वारे पे डाला है जब से डेरा,
फिर ना पूछो कि कैसी मुलाकात है ॥
यह ना चाहूँ की, मुझ को खुदाई मिले,
यह ना चाहु, मुझे बादशाही मिले ।
ख़ाक दर की मिले ये मुकद्दर मेरा,
इससे बढ़कर बताओ क्या सौगात है ॥
बंसी वाले के चरणों में, सर हो मेरा,
फिर ना पूछो, कि उस वक्त क्या बात है ।
उनके द्वारे पे डाला है जब से डेरा,
फिर ना पूछो कि कैसी मुलाकात है ॥
हो गुलामी अगर आले दरबार की,
ये खुदाई भी है बादशाही भी है ।
दासी दर की भिखारिन बने जिस वक्त,
इससे बढकर बताओ की क्या बात है ॥
बंसी वाले के चरणों में, सर हो मेरा,
फिर ना पूछो, कि उस वक्त क्या बात है ।
उनके द्वारे पे डाला है जब से डेरा,
फिर ना पूछो कि कैसी मुलाकात है ॥
गोविन्द मेरो है गोपाल मेरो है ।
श्री बांके बिहारी नंदलाल मेरो है ॥
बंसी वाले के चरणों में, सर हो मेरा,
फिर ना पूछो, कि उस वक्त क्या बात है ।
उनके द्वारे पे डाला है जब से डेरा,
फिर ना पूछो कि कैसी मुलाकात है ॥
शुरू हो रही है राम कहानी,
शुरू हो रही हैं राम कहानी,
श्याम चंदा है श्यामा चकोरी,
बड़ी सुंदर है दोनो की जोडी ॥
श्याम ऐसो जिया में,
समाए गयो री,
हिन्दू धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है। ख़ासकर, पौष मास की अमावस्या को पितरों को प्रसन्न करने और चंद्रदेव की कृपा प्राप्त करने का उत्तम अवसर माना गया है। इस दिन भगवान सूर्य, चंद्रदेव और श्रीहरि की विधिवत पूजा के साथ पिंडदान और तर्पण का विधान है।