बस इतनी तमन्ना है, श्याम तुम्हे देखूं (Bas Itni Tamanna Hai Shyam Tumhe Dekhun)

बस इतनी तमन्ना है,

बस इतनी तमन्ना है,

श्याम तुम्हे देखूं,

घनश्याम तुम्हे देखूं ॥


सिर मुकुट सुहाना हो,

माथे तिलक निराला हो,

गल मोतियन माला हो,

श्याम तुम्हे देखूं,

घनश्याम तुम्हे देखूं ॥


कानो में हो बाली,

लटके लट घुंघराली,

तेरे अधर पे मुरली हो,

श्याम तुम्हे देखूं,

घनश्याम तुम्हे देखूं ॥


बाजू बंद बाहों पे,

पैजनियाँ पाओं में,

होठों पे हसी कुछ हो,

श्याम तुम्हे देखूं,

घनश्याम तुम्हे देखूं ॥


दिन हो या अँधेरा हो,

चाहे शाम सवेरा हो,

सोऊँ तो सपनो में,

श्याम तुम्हे देखूं,

घनश्याम तुम्हे देखूं ॥


चाहे घर हो नंदलाला,

कीर्तन हो गोपाला,

हर जग के नज़ारे में,

श्याम तुम्हे देखूं,

घनश्याम तुम्हे देखूं ॥


कहता है कमल ऐ किशन,

सौगात मुझे यह दे,

जिस और नज़र फेरूँ,

श्याम तुम्हे देखूं,

घनश्याम तुम्हे देखूं ॥


बस इतनी तमन्ना हैं,

बस इतनी तमन्ना हैं,

श्याम तुम्हे देखूं,

घनश्याम तुम्हे देखूं ॥

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श्री शिवरामाष्टकस्तोत्रम्

शिवहरे शिवराम सखे प्रभो,त्रिविधताप-निवारण हे विभो।
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