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बस इतनी तमन्ना है, श्याम तुम्हे देखूं (Bas Itni Tamanna Hai Shyam Tumhe Dekhun)

बस इतनी तमन्ना है, श्याम तुम्हे देखूं (Bas Itni Tamanna Hai Shyam Tumhe Dekhun)

बस इतनी तमन्ना है,

बस इतनी तमन्ना है,

श्याम तुम्हे देखूं,

घनश्याम तुम्हे देखूं ॥


सिर मुकुट सुहाना हो,

माथे तिलक निराला हो,

गल मोतियन माला हो,

श्याम तुम्हे देखूं,

घनश्याम तुम्हे देखूं ॥


कानो में हो बाली,

लटके लट घुंघराली,

तेरे अधर पे मुरली हो,

श्याम तुम्हे देखूं,

घनश्याम तुम्हे देखूं ॥


बाजू बंद बाहों पे,

पैजनियाँ पाओं में,

होठों पे हसी कुछ हो,

श्याम तुम्हे देखूं,

घनश्याम तुम्हे देखूं ॥


दिन हो या अँधेरा हो,

चाहे शाम सवेरा हो,

सोऊँ तो सपनो में,

श्याम तुम्हे देखूं,

घनश्याम तुम्हे देखूं ॥


चाहे घर हो नंदलाला,

कीर्तन हो गोपाला,

हर जग के नज़ारे में,

श्याम तुम्हे देखूं,

घनश्याम तुम्हे देखूं ॥


कहता है कमल ऐ किशन,

सौगात मुझे यह दे,

जिस और नज़र फेरूँ,

श्याम तुम्हे देखूं,

घनश्याम तुम्हे देखूं ॥


बस इतनी तमन्ना हैं,

बस इतनी तमन्ना हैं,

श्याम तुम्हे देखूं,

घनश्याम तुम्हे देखूं ॥

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खरमास माह में तुलसी पूजा का महत्व

सनातन धर्म में तुलसी का खास महत्व है। तुलसी को लक्ष्मी का ही रूप माना जाता है। इसलिए, बिना तुलसी के श्रीहरि की पूजा पूरी नहीं मानी जाती। सभी घरों में सुबह-शाम तुलसी पूजा की जाती है।

खरमास में शादी-विवाह क्यों रहते हैं बंद

15 दिसंबर से खरमास शुरू होने वाला है। इस दौरान किसी भी तरह का कोई भी मांगलिक कार्य जैसे:- शादी-विवाह, गृह प्रवेश या फिर मांगलिक संस्कार नहीं किए जाते ।

खरमास की कथा

सनातन धर्म में खरमास को विशेष महत्व बताया गया है। यह एक ऐसा समय होता है जब सूर्य देव धनु या मीन राशि में रहते हैं जिसमें मांगलिक कार्य पर रोक रहती है। इस साल खरमास रविवार, 15 दिसंबर 2024 से शुरू हो रहा है जो 14 जनवरी, 2025 को समाप्त होगा।

धनु संक्रांति के दिन के विशेष उपाय

हिंदू धर्म में संक्रांति तिथि का काफी महत्व है। वैदिक पंचांग के अनुसार प्रत्येक महीने सूर्य की राशि परिवर्तन पर संक्रांति मनाई जाती है। इस बार मार्गशीर्ष माह में 15 दिसंबर को धनु संक्रांति पड़ रही है।

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