माँ गंगा मैया का गरिमामय माहात्म्य ॥
बेद की औषद खाइ कछु न करै बहु संजम री सुनि मोसें ।
तो जलापान कियौ रसखानि सजीवन जानि लियो रस तेर्तृ ।
एरी सुघामई भागीरथी नित पथ्य अपथ्य बने तोहिं पोसे ।
आक धतूरो चाबत फिरे विष खात फिरै सिव तेऐ भरोसें ।
- सैयद रसखान
यदि आप पहली बार कर रहे हैं शक्ति की उपासना तो जरुर जान लें पूजा के यम-नियम, इस विधि से करें मां की पूजा
जब धरती पर अंधकार की छाया गहराती है और चंद्रमा की रोशनी में कई तारे आसमान में टिमटिमाते हुए दिखाई देते हैं तब हमें याद आती हैं हमारे पूर्वजों की। बचपन में सुनी नानी-दादी की कहानियां तो यही कहती हैं कि जब भी किसी की मृत्यु हो जाती है
सनातन धर्म में पितृपक्ष का विशेष महत्व है। पितृपक्ष में लोग अपने पितरों को श्रद्धांजलि देने के लिए उनका श्राद्ध करते हैं जिसमें विशेष अनुष्ठान और पूजा की जाती है।
नवरात्रि के नौ दिनों में हर दिन के लिए है एक विशेष रंग, जानिए कौन से दिन कौन सा कपड़ा पहनें