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बेद की औषद खाइ कछु न करै माँ गंगा माहात्म्य (Bed Ki Aushad Khai Kachhu Na karai: Ganga Mahatmy)

बेद की औषद खाइ कछु न करै माँ गंगा माहात्म्य (Bed Ki Aushad Khai Kachhu Na karai: Ganga Mahatmy)

माँ गंगा मैया का गरिमामय माहात्म्य ॥


बेद की औषद खाइ कछु न करै बहु संजम री सुनि मोसें ।

तो जलापान कियौ रसखानि सजीवन जानि लियो रस तेर्तृ ।

एरी सुघामई भागीरथी नित पथ्य अपथ्य बने तोहिं पोसे ।

आक धतूरो चाबत फिरे विष खात फिरै सिव तेऐ भरोसें ।

- सैयद रसखान


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चैती छठ के चार दिनों में क्या होता है

चैत्र माह में आने वाली छठ को चैती छठ के नाम से जाना जाता है। इस बार चैत्र छठ एक अप्रैल से शुरू होगी, जो तीन अप्रैल को संध्या अर्घ्य और चार अप्रैल को उषा अर्घ्य के साथ गुरुवार को समाप्त होगी।

चैत्र नवरात्रि पांचवें दिन की पूजा विधि

चैत्र नवरात्रि के पांचवें दिन का विशेष महत्व है क्योंकि इस दिन मां दुर्गा के स्कंदमाता स्वरूप की पूजा की जाती है। स्कंदमाता भगवान कार्तिकेय की माता हैं, उन्हें ममता की मूर्ति भी कहा जाता है।

9 अप्रैल 2025 का पंचांग

चैत्र माह में आने वाली छठ को चैती छठ के नाम से जाना जाता है। इस बार चैत्र छठ एक अप्रैल से शुरू होगी, जो तीन अप्रैल को संध्या अर्घ्य और चार अप्रैल को उषा अर्घ्य के साथ गुरुवार को समाप्त होगी।

चैत्र नवरात्रि छठे दिन की पूजा विधि

नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है, जिन्हें शक्ति की देवी माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अगर किसी व्यक्ति की शादी होने में कोई बाधा आती है या वैवाहिक जीवन में कोई समस्या हो तो देवी कात्यायनी की पूजा से उसे सभी परेशानियों से मुक्ति मिल जाती है।

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