किरपा मिलेगी श्री राम जी की,
भक्ति करो, भक्ति करो,
दया मिलिगी हनुमान जी की,
राम जपो, राम जपो,
दुष्ट दलन हनुमान है,
हनुमान मेरे,
जय हनुमान, जय हनुमान
पतित पावन राम है,
श्री राम मेरे,
जय सिया राम, जय सिया राम
मूरत रख श्री राम की,
मन ध्यान धरो,
ध्यान धरो, ध्यान धरो
भक्ति करो, भक्ति करो
॥ किरपा मिलेगी श्री राम जी...॥
सकल अमंगल हर लेंगे,
हनुमान मेरे,
जय हनुमान, जय हनुमान
तन मन पवन कर देंगे,
श्री राम मेरे,
जय सिया राम, जय सिया राम
शीश झुका कर चरणों में,
प्रणाम करो, प्रणाम करो
भक्ति करो, भक्ति करो
॥ किरपा मिलेगी श्री राम जी...॥
शंकर स्वयं केसरी नंदन,
जय हनुमान,
जय हनुमान, जय हनुमान
विष्णु रूप भगवन है.
मेरे श्री राम,
जय सिया राम, जय सिया राम
विष्णु महेश की लीला का,
गन गान करो,
गान करो, गान करो
भक्ति करो, भक्ति करो
॥ किरपा मिलेगी श्री राम जी...॥
राम से बड़े है भक्त राम के,
जय हनुमान,
जय हनुमान, जय हनुमान
जो नित राम की महिमा गावे,
जय सिया राम, जय सिया राम
अर्पित प्रभु पूजन में जीवन,
प्राण करो, प्राण करो
भक्ति करो, भक्ति करो
॥ किरपा मिलेगी श्री राम जी...॥
पांच दिवसीय दीपावली त्योहार की शुरुआत धनतेरस से होती है। इस मौके पर खरीदारी का सबसे अधिक महत्व है। इस दिन लोग मान्यता के अनुसार वस्तुओं की खरीदारी करते हैं जिन्हें शुभ माना गया है।
दिवाली हिंदू धर्म का सबसे बड़ा त्योहार है। इसे भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार भगवान विष्णु और लक्ष्मी की पूजा, पारंपरिक उपहार, रोशनी, सजावट, दीये, मिठाई आदि के लिए जाना जाता है।
नरक चतुर्दशी हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह दिवाली से एक दिन पहले मनाया जाता है।
धनतेरस पर विभिन्न वस्तुओं की खरीदी का रिवाज है। इस शुभ दिन पर खरीदारी करने की परंपरा धनतेरस की पौराणिक मान्यता के साथ ही आरंभ हुई है।