भक्तो के घर कभी आओ माँ,
आओ माँ आओ माँ आओ माँ,
भक्तो के घर कभी आओ माँ,
परिवार तुम्हारा है,
हमें तेरा ही सहारा है,
आओं माँ आओं माँ आओं माँ,
भक्तो के घर कभी आओ माँ ॥
तेरे चरणों में बिछ जाएंगे,
पलकों पर तुमको बिठाएंगे,
हम तेरे भजन मीठे मीठे,
गा गाकर तुझे सुनाएगे,
आओं माँ आओं माँ आओं माँ,
भक्तो के घर कभी आओ माँ ॥
तू इस जग की महारानी है,
माँ तुझसे प्रीत पुरानी है,
इस दिल में है ढेरों बातें,
माँ आज तुम्हे बतलानी है,
आओं माँ आओं माँ आओं माँ,
भक्तो के घर कभी आओ माँ ॥
ये घर मंदिर बन जाएगा,
माँ एक बार तेरे आने से,
रोशन होगा जीवन मेरा,
माँ तेरी ज्योत जलाने से,
आओं माँ आओं माँ आओं माँ,
भक्तो के घर कभी आओ माँ ॥
कहने को ये घर मेरा है,
पर इस पे हक़ माँ तेरा है,
दो दिन के किरायेदार है हम,
‘सोनू’ यहाँ रेन बसेरा है,
आओं माँ आओं माँ आओं माँ,
भक्तो के घर कभी आओ माँ ॥
आओ माँ आओ माँ आओ माँ,
भक्तो के घर कभी आओं माँ,
परिवार तुम्हारा है,
हमें तेरा ही सहारा है,
आओं माँ आओं माँ आओं माँ,
भक्तो के घर कभी आओ माँ ॥
विवाह एक पवित्र संस्कार, जो दो लोगों को 7 जन्मों के लिए बांधता है। यह न केवल दो व्यक्तियों का मिलन है, बल्कि दो परिवारों का भी मिलन है। इसे हिंदू संस्कृति में एक पवित्र अनुष्ठान माना गया है।
जनेऊ संस्कार को उपनयन संस्कार के नाम से भी जाना जाता है। यह हिंदू धर्म के 16 संस्कारों में से एक प्रमुख संस्कार है। यह संस्कार बालक के जीवन में एक नया अध्याय शुरू करने का प्रतीक है।
मुंडन संस्कार हिंदू धर्म के सबसे पवित्र संस्कारों में से एक हैं। इसे बच्चे के जन्म के एक निश्चित समय बाद पूरा किया जाना होता है। यह संस्कार बच्चे के जीवन में एक नया चरण शुरू करने का प्रतीक होता है।
गुरु दक्षिणा की परंपरा हिंदू संस्कृति में प्राचीन काल से चली आ रही है। किसी भी व्यक्ति की सफलता में गुरु की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इसलिए, इस पूजा के जरिए हम अपने गुरु के प्रति सम्मान और कृतज्ञता प्रकट करते हैं।