भला किसी का कर ना सको तो,
बुरा किसी का मत करना,
पुष्प नहीं बन सकते तो तुम,
कांटे बन कर मत रहना ॥
बन ना सको भगवान अगर तुम,
कम से कम इंसान बनो,
नहीं कभी शैतान बनो तुम,
नहीं कभी हैवान बनो,
सदाचार अपना न सको तो,
पापों में पग मत धरना,
पुष्प नहीं बन सकते तो तुम,
कांटे बन कर मत रहना ॥
सत्य वचन ना बोल सको तो,
झूठ कभी भी मत बोलो,
मौन रहो तो ही अच्छा,
कम से कम विष तो मत घोलो,
बोलो यदि पहले तुम तोलो,
फिर मुंह को खोला करना,
पुष्प नहीं बन सकते तो तुम,
कांटे बन कर मत रहना ॥
घर ना किसी का बसा सको तो,
झोपड़ियां ना जला देना,
मरहम पट्टी कर ना सको तो,
खार नमक ना लगा देना,
दीपक बन कर जल ना सको तो,
अंधियारा ना फैला देना,
पुष्प नहीं बन सकते तो तुम,
कांटे बन कर मत रहना ॥
अमृत पिला ना सके किसी को,
ज़हर पिलाते भी डरना,
धीरज बंधा नहीं सको तो,
घाव किसी के मत करना,
राम नाम की माला ले कर,
सुबह श्याम भजन करना,
पुष्प नहीं बन सकते तो तुम,
कांटे बन कर मत रहना ॥
भला किसी का कर ना सको तो,
बुरा किसी का मत करना,
पुष्प नहीं बन सकते तो तुम,
कांटे बन कर मत रहना ॥
माँ वेदों ने जो तेरी महिमा कही है,
माँ वेदों ने जो तेरी महिमा कही है,
उनके हाथों में लग जाए ताला, अलीगढ़ वाला।
सवा मन वाला, जो मैय्या जी की ताली न बजाए।
दीपावली या दिवाली हिंदुओं के सबसे बड़े त्योहारों में एक है। यह त्योहार भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के कई हिस्सों में बसे हिंदुओं के बीच श्रद्धा भक्ति और हर्षोल्लास से मनाया जाता है।
पांच दिवसीय दीपावली त्योहार का समापन भाई दूज के साथ होता है। भाई दूज विक्रम संवत हिंदू कैलेंडर में शुक्ल पक्ष के दूसरे चंद्र दिवस पर मनाया जाता है।