नवीनतम लेख
भारत माता तेरा आँचल,
हरा-भरा धानी-धानी ।
मीठा-मीठा चम्-चम करता,
तेरी नदियों का पानी ।
हरी हो गयी बंजर धरती,
नाचे झरनो में बिजली ।
सोना-चांदी उगल रही है,
तेरी नदियों का पानी ।
भारत माता तेरा आँचल,
हरा-भरा धानी-धानी ।
मीठा-मीठा चम्-चम करता,
तेरी नदियों का पानी ।
मस्त हवा जब लहराती है,
दूर-दूर तक पहुंचाती है ।
तेरे ऊँचे-ऊँचे पर्वत,
निडर बहादुर सेनानी ।
भारत माता तेरा आँचल,
हरा-भरा धानी-धानी ।
मीठा-मीठा चम्-चम करता,
तेरी नदियों का पानी ।
........................................................................................................'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।